
नई दिल्ली :- जम्मू कश्मीर को कब एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया जाएगा और कब यहां स्वतंत्र रूप से चुनाव कराए जाएंगे, इस बात को लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बयान जारी किया है | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का परिसीमन शुरू हो गया है और जल्द ही वहां चुनाव होंगे | उन्होंने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिए जाने पर भी अपनी बात कही, उन्होंने कहा….
“मैंने लोकसभा में आश्वासन दिया है कि जैसे ही जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होगी, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा.”
अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जम्मू-कश्मीर का जिला सुशासन सूचकांक जारी करते हुए कहा…
“आज जो सुशासन सूचकांक शुरू हुआ है इससे जिले के तंत्र को सुधारने, परिणाम लक्ष्य बनाने और डिलीवरी देने वाला तंत्र बनाने के लिए बहुत बड़ा फायदा जम्मू-कश्मीर के लोगों को होगा. सूचकांक में केंद्र और राज्य सरकार की नीतियां, योजनाएं और कार्यक्रम की निगरानी जिला स्तर किया गया है.”
विडियो कांफ्रेंस में कहा
दरअसल, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से गठित परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है | इस पर कई दलों ने आपत्ति जताई और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वह रिपोर्ट पर इसके वर्तमान स्वरूप में हस्ताक्षर नहीं करेगी |
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गौरतलब है की जम्मू-कश्मीर में पहली बार जनसंख्या के आधार पर 90 सीट में से अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीट आवंटित करने का प्रस्ताव है, अनुसूचित जाति के लिए सात सीट प्रस्तावित हैं, वहीँ विधानसभा की 24 सीट खाली रहती हैं, क्योंकि वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अंतर्गत आती हैं | अगस्त 2019 में संसद में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पारित होने के बाद फरवरी 2020 में परिसीमन आयोग की स्थापना की गई थी, आयोग ने कुछ जिलों के लिए एक अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्र बनाने का भी प्रस्ताव किया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उनकी दुर्गम परिस्थितियों के कारण अपर्याप्त संचार और सार्वजनिक सुविधाओं की कमी वाले भौगोलिक क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व को संतुलित किया जा सके |
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