
न्यूज़ डेस्क :- अगर आप भी रात को चैन की नींद सोना चाहते हैं, तो यह खबर आपके काम की है, इसके लिए आपको यह जानना पड़ेगा कि आप जिस कमरे में सो रहे हो, उस पर कितने वाट के बल्ब से रोशनी होनी चाहिए | आइये जानते हैं इस खबर में…
सबसे पहले तो आपको इस बात पर गौर करना चाहिए कि कमरा कैसा है। मतलब कमरा अगर 100 वर्ग फुट का है, तब 16 से 18 वॉट का एलईडी बल्ब ठीक रहेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इतने एरिया में इससे निकलने वाली रोशनी पर्याप्त रहेगी। कमरा किसका है और वहां कौन रहता है? बल्ब और उसकी रोशनी के लिहाज से यह चीज भी खासा मायने रखती है। दरअसल, जानकार कहते हैं कि 50 साल तक के लोगों को सामान्य रोशनी में दिक्कत नहीं होती, पर 60 बरस के ऊपर के लोगों को कई बार अधिक रोशनी चाहिए होती है। ऐसे में उनके लिए अधिक वॉट का बल्ब होना चाहिए।
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कमरे की रोशनी कई बार उसके आभामंडल से लेकर और चीजें भी तय करती है। ऐसे में यह जरूरी है कि आपके यहां उस हिसाब से सही बल्ब होना चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि बल्ब से निकलने वाली रोशनी सीधे तौर पर आपको, आपकी आंखों और आपके काम को प्रभावित करती है। आइए जानते हैं कि कमरे में कितने वॉट का और कैसा बल्ब लगाना सही होता है | यही नहीं, कमरे में किस रंग का पेंट है या वॉलपेपर हैं, यह चीज भी रोशनी को प्रभावित करती है। विशेषज्ञों की मानें तो जिन लोगों के कमरे में गहरे रंग का पेंट/वॉल पेपर होता है, वहां अधिक वॉट के बल्ब की जरूरत पड़ती है, जबकि जहां हल्के रंग (सफेद, क्रीम, पीच, लाइट पिंक, हल्का बैगनी, आसमानी नीला आदि) की दीवारें होती हैं, वहां वे रोशनी को अधिक रिफलेक्ट करेंगी और आपको अधिक वॉट के बल्ब की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
जानकार सलाह देते हैं कि सफेद रंग की एलईडी लाइट सबसे बढ़िया रहती है। यह हर किस्म की परिस्थितियों के लिए अच्छी मानी जाती है। फिर चाहे स्क्रीन पर काम करना हो या सामान्य इस्तेमाल में इसे लगाना होगा। 10×10 वर्ग फुट के रूम में 2400 लूमंस (कितनी चमक चाहिए होगी) लाइट चाहिए होती होती है। इसके लिए 20 से 25 वॉट का एक एलईडी बल्ब पर्याप्त है।
शहरों में लोग अब फिलामेंट बल्ब इस्तेमाल करना कम ही पसंद करते हैं। सीएफएल की डिमांड भी अब न के बराबर कही जा सकती है। चूंकि, एलईडी बल्ब इन दिनों ट्रेंड में हैं। कम समय में इनके पॉपुलर होने की वजह यह है कि ये कम वॉट में अधिक रोशनी देते हैं। इनके कम बिजली चूसने की वजह से लोगों का बिजली बिल कम आता है, जो कि बड़ा प्लस प्वॉइंट है। ये थोड़े महंगे आते हैं, पर इनकी लाइफ भी अधिक होती है।
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