वेब-डेस्क :- केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवानिवृत्ति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए “योग्यता सेवा प्रमाणपत्र (QSC)” को अनिवार्य कर दिया है। अब सभी कर्मचारियों को सेवा के 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद और सेवानिवृत्ति से कम से कम 5 साल पहले यह प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य समय पर पेंशन और अन्य लाभ सुनिश्चित करना है।
क्या है QSC और क्यों है जरूरी?
QSC (Qualifying Service Certificate) एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जो कर्मचारी की सेवा अवधि, वेतन, प्रमोशन, नियुक्ति आदेश और अन्य रिकॉर्ड का सत्यापन करता है। इससे सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को पेंशन प्रक्रिया में किसी भी तरह की रुकावट या देरी से बचाया जा सकेगा।
सत्यापन की प्रक्रिया
इस प्रमाणपत्र के लिए कर्मचारियों को अपने सभी सेवा रिकॉर्ड विभाग प्रमुख और लेखा कार्यालय के साथ साझा करने होंगे। सत्यापन के बाद उन्हें निर्धारित प्रारूप में QSC जारी किया जाएगा। यह प्रक्रिया 31 जनवरी 2025 के बाद से शुरू की जाएगी और यह केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के तहत संचालित होगी।
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नया नियम क्यों लागू किया गया?
सरकार का कहना है कि इस नए कदम से कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड में पारदर्शिता आएगी और सेवानिवृत्ति प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकेगा। यदि कोई कर्मचारी QSC समय पर प्राप्त नहीं करता है तो उसे सेवानिवृत्ति के समय पेंशन और अन्य लाभों में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए सुझाव
सेवा के 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद तुरंत QSC के लिए आवेदन करें।
अपने सभी दस्तावेज जैसे नियुक्ति पत्र, प्रमोशन ऑर्डर, वेतन वृद्धि ऑर्डर आदि को सुरक्षित रखें।
किसी भी त्रुटि की स्थिति में संबंधित विभाग से संपर्क कर सुधार करवाएं।
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