सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों के आतंक के बीच सुकमा जिले में आज यानि शुक्रवार की सुबह एक नक्सल दंपति समेत 22 नक्सलियों ने पुलिस अफसरों के सामने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर शासन द्वारा 40 लाख पचास हजार रूपये का ईनाम घोषित है।
आत्मसमर्पित 1 पुरूष एवं 1 महिला नक्सली पर 8-8 लाख, 1 पुरूष एवं 1 महिला नक्सली पर 5-5 लाख, 2 पुरूष एवं 5 महिला पर 2-2 लाख, 1 पुरूष नक्सल पर 50 हजार, कुल 40 लाख 50 हजार रूपये के ईनाम घोषित थे।
बिना हथियार किए आत्मसमर्पण
नक्सली संगठन में सक्रिय 9 महिला सहित 21 नक्सलियों के द्वारा नक्सल संगठन को छोडक़र समाज की मुख्यधारा में जुडऩे के उद्देश्य से आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।
आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन के नये पुनर्वास नीति छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025 के तहत् प्रत्येक को 50-50 हजार रूपये के मान से प्रोत्साहन राशि व कपड़े प्रदान किया गया एवं अन्य सुविधाएं दी जाएगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में सुरक्षाबलों के सामने आठ—आठ लाख रुपए के इनामी नक्सली मुचाकी जोगा (33) और उसकी पत्नी मुचाकी जोगी (28) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने बताया कि नक्सली जोगा नक्सलियों के पीएलजीए कंपनी नंबर एक में डिप्टी कमांडर है तथा जोगी सदस्य है।
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अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 22 नक्सलियों में पांच—पांच लाख रुपए के इनामी किकिड़ देवे (30) और मनोज उर्फ दूधी बुधरा (28) तथा दो—दो लाख रुपए के इनामी माड़वी भीमा (30), माड़वी सोमड़ी (48), संगीता (24), माड़वी कोसी (24), वंजाम सन्नी (24), माड़वी मंगली (35) और ताती बंडी (35) शामिल हैं। वहीं नक्सली पुनेम जोगा पर 50 हजार रुपए का इनाम है।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में नौ महिला नक्सली भी शामिल हैं। सभी नक्सली माड़ डिवीजन और नुआपाड़ा डिवीजन में सक्रिय थे।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।
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