भारत का पहला सौर मिशन के लिए भेजे गए Aditya-L1 Mission स्पेसक्राफ्ट ने अर्थ ऑर्बिट को चौथी बार बढ़ाने का काम आज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. सूरज से कुछ और फासला कम होने के बाद आदित्य एल1 को अब 256 किमी. x 121973 किमी. की नई ऑर्बिट हासिल हो गई है. भारतीय स्पेस एजेंसी ‘इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन’ (ISRO) ने इसकी जानकारी दी है.
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इसरो (ISRO) ने ट्वीट के जानकारी देते हुए बताया कि आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट ने चौथे ‘अर्थ बाउंड मैन्यूवर’ को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसरो के मॉरीशस, बेंगलुरू, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर और पोर्ट ब्लेयर के ग्राउंड स्टेशन के जरिए ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट को ट्रैक किया गया. आदित्य एल-1 के लिए फिजी द्वीप पर मौजूद ट्रांसपोर्टेबल टर्मिनल पोस्ट-बर्न ऑपरेशन में स्पेसक्राफ्ट की मदद करेगा. आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट 256 km x 121973 km दूर मौजूद है.
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 14, 2023
The fourth Earth-bound maneuvre (EBN#4) is performed successfully.
ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation, while a transportable terminal currently stationed in the Fiji islands for… pic.twitter.com/cPfsF5GIk5
भारतीय स्पेस एजेंसी ने बताया है कि अगला मैन्यूवर ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) 19 सितंबर को रात दो बजे किया जाएगा. बताया जा रहा है कि धरती से सूरज की ओर बढ़ने का अगला चरण काफी मुश्किलों भरा हो सकता है. ऐसे में अब सभी की निगाह 19 सिंतबर को होने वाले अगले प्रॉसेस पर टिकी हैं.
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