वेब-डेस्क :- इस साल चारधाम की यात्रा 30 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रही है। इस दिन अक्षय तृतीया का पावन अवसर है। जानकारी के मुताबिक सबसे पहले इस दिवस पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 10: 30 बजे खोले जाएंगे। इसके बाद 2 मई 2025 को केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए सुबह 7 बजे खोले जाएंगे। वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025, रविवार के दिन खुलेंगे।
बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं, जो कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों की ओर ले जाती है। इस बार भी भक्तों में इस आध्यात्मिक यात्रा को लेकर गजब का उत्साह देखा जा रहा है।
कब खुलेंगे चारधाम के कपाट?
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल 2025 को सुबह 10:30 बजे खोले जाएंगे। इसके बाद, केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई 2025 को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खुलेंगे।
वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025 को सुबह खोले जाएंगे। ये तारीखें श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने हिंदू पंचांग के आधार पर तय की गई हैं।
चार धाम यात्रा की पूजा का Online Registeration कैसे करें?
- शुरुआत तिथि: बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए ऑनलाइन पूजा रजिस्ट्रेशन 10 अप्रैल से शुरू
- प्रक्रिया:
- श्रद्धालु वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पूजा बुक कर सकते हैं
- पूजा श्रद्धालु के नाम से की जाएगी
- पूजा के बाद प्रसाद श्रद्धालु के पते पर भेजा जाएगा
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श्रद्धालु कौन-कौन सी पूजा कर सकते हैं Online?
- बद्रीनाथ धाम में उपलब्ध पूजा:
- ब्रह्म मुहूर्त में महाभिषेक और अभिषेक पूजा
- वेद पाठ, गीता पाठ, विष्णु सहस्रनामावली
- सायंकालीन स्वर्ण आरती, चांदी आरती
- गीत गोविंद पाठ, शयन आरती
- केदारनाथ धाम में उपलब्ध पूजा:
- षोडशोपचार पूजा-अर्चना
- रुद्राभिषेक
- सायंकालीन आरती
चारधाम यात्रा से धुल जाते है पाप
चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है, फिर गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ धाम पर समाप्त होती है। ये यात्रा हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र मानी जाती है। मान्यता है कि चारधाम के दर्शन से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यात्रा का रास्ता हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से शुरू होकर पहाड़ों की खूबसूरत वादियों से होकर गुजरता है।
कुछ जरूरी बातों का रखे ध्यान
- स्वास्थ्य: ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रा के लिए शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी है. प्राणायाम और हल्की कसरत पहले से शुरू करें।
- पहुंच: गंगोत्री और बद्रीनाथ तक गाड़ी से जाया जा सकता है, लेकिन यमुनोत्री (6 किमी ट्रेक) और केदारनाथ (16 किमी ट्रेक) के लिए पैदल चलना पड़ता है।
- हेलिकॉप्टर सुविधा: समय की कमी या शारीरिक परेशानी वालों के लिए देहरादून से हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं।
- आवास: जीएमवीएन गेस्ट हाउस, धर्मशालाएँ और निजी होटल उपलब्ध हैं. कीमत 300 रुपये से 3000 रुपये प्रति रात तक हो सकती है।
- सुरक्षा: यात्रा के दौरान रजिस्ट्रेशन स्लिप साथ रखें, क्योंकि बारकोट, हिना, सोंप्रयाग और पांडुकेश्वर में चेकिंग होती है।
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