
News desk :- इस समय सारा विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंतित है, दोनों ही देशों के समर्थन करने वाले देशों ने इस युद्ध पर अपनी अपनी रायशुमारी शुरू कर दी है | पर ऐसे में अमेरिका ने भारत पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है |
यह तो सर्वविदित है कि रूस यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका और भारत में अलग-अलग विचारधारा है, ऐसे में अमेरिका का इस प्रकार के रिपोर्ट को जारी करना उसकी भारत के प्रति मानसिकता को जाहिर करता है |
आपको बता दें इस रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत पर अपनी 2021 की मानवाधिकार रिपोर्ट (2021 Country Reports on Human Rights Practices India) में मनमानी गिरफ्तारी, हिरासत में मौत, अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक हिंसा, अभिव्यक्ति की आजादी, मीडिया पर प्रतिबंध, पत्रकारों पर मुकदमे और बहुत ज्यादा प्रतिबंधात्मक कानूनों को लेकर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन सब मुद्दों को पहले भी उठाया जा चुका है बावजूद इसके सरकार के स्तर से इस पर जवाब नहीं दिया जा रहा।
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कानून मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और जेल में डालने से रोकता है। लेकिन 2021 में ये दोनों हुए। यहां तक कहा गया है कि पुलिस ने पुलिस ने विशेष सुरक्षा कानूनों के माध्यमों से कोर्ट में गिरफ्तारियों की समय पर सुनवाई तक नहीं होने दी। कई मामलों में तो मनमाने ढंग से इतने दिनों तक जेल में रखा गया कि उस अपराध की उतनी सजा भी नहीं होती। 12 अप्रैल को राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन ने मानवाधिकारों पर देश की रिपोर्ट यूएस. कांग्रेस के सामने को सौंपी। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त व्यक्ति, नागरिक, राजनीतिक, कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद तैयार की जाती है।
आपको बता दें पेगासस मैलवेयर के माध्यम से पत्रकारों को निगरानी पर हुई मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे सरकार ने मनामने ढंग से गैर कानूनी तरीके से टेक्टनोलॉजी की मदद लेकर निजता का उल्लंघन किया है। यह देखते हुए कि सरकार आम तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करती है, रिपोर्ट कहा गया है कि ऐसे उदाहरण भी थे जिनमें सरकार या सरकार के करीबी माने जाने वाले अभिनेताओं ने सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया आउटलेट्स पर कथित तौर पर दबाव डाला या उन्हें परेशान किया, इसमें ऑनलाइन ट्रोलिंग भी शामिल है।
जिन अन्य मामलों पर रिपोर्ट में जिक्र किया गया है उनमें सामाजिक कार्यकर्ता एरेन्ड्रो लीचोम्बम की गिरफ्तारी का मामला भी है जिन्होंने फेसबुक पर भाजपा नेता के उस बयान की आलोचना की थी जिसमें उन्होंने कोविड 19 के इलाज के गाय के गोबर और मूत्र की वकालत की थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की आलेचना करने पर तमिलनाडु पुलिस ने कैथोलिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया को अरेस्ट किया था, इस घटना पर चर्चा है। फ्रीडम ऑफ एसोसिएशन की रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के मामलों पर प्रकाश डाला गया जिनकी संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर ली गई थी।
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भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत में हो रहे कुछ हालिया चिंताजनक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। इनमें कुछ सरकारी, पुलिस और जेल अधिकारियों की मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती घटनाएं शामिल हैं। यह बातें उन्होंने तब कही जब विदेश मंत्री एस जयशंकर वाशिंगटन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारत-अमेरिका ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया था।
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले पर कहा है कि 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक में अमेरिका में उनके समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ मानवाधिकार के मुद्दे पर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने दो-टूक कहा कि जब भी इस पर चर्चा होगी तो भारत बोलने से पीछे नहीं हटेगा। ब्लिंकन के बयान का इशारों में जिक्र कर जयशंकर ने यह भी कह दिया कि अमेरिका के बारे में भारत भी अपने विचार रखता है।
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