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    ATS ने पूछा ‘फल’ और ‘फूफी’ पर सवाल, सीमा हैदर ने दिया ये जवाब

    ByWev Desk

    Jul 19, 2023 #India, #news

    पाकिस्तानी युवती सीमा हैदर पर भारतीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. हालांकि अभी तक की पूछताछ में कुछ ऐसा नहीं मिला है जिससे उसके पाकिस्तान या उसकी खुफियां एजेंसी ISI का एजेंट होने की पुष्टि होती हो. अब तक की मैराथन पूछताछ के बाद यूपी एटीएस (UP ATS) को शक है कि सीमा उन्हें गुमराह कर रही है. दरअसल 5वीं तक पढ़ाई करने का दावा करने वाली सीमा हैदर जिस कॉन्फिडेंस के साथ अधिकतर सवालों का धड़ाधड़ सवालों के जवाब दे रही है उससे ATS और अन्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. अब इस बात की भी जांच हो रही है की कहीं सीमा पर नजर रखकर कोई उसे गाइड तो नहीं कर रहा है. इस मामले में यूपी की ATS को खुफिया एजेंसी आईबी (IB) से भी कुछ अहम जानकारी मिली है.

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    अबतक की पूछताछ में सीमा हैदर के नोएडा स्थित रबूपुरा गांव तक पहुंचने में किन लोगों ने मदद की, इसे लेकर भी वो सही जवाब नहीं दे पाई है. इसके अलावा यूपी एटीएस को पूछताछ में एक और सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ है कि सीमा ने कुछ सैन्य अधिकारियों को भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी. भारत आने से पहले सीमा ने 70 हजार पाकिस्तानी रुपये में एक मोबाइल खरीदा था. पूछताछ के दौरान सीमा ने यूपी एटीएस (UP ATS) को अपने मोबाइल खरीदने की जानकारी दी है. पूछताछ में उससे ये भी पूछा गया कि क्या तुम्हें किसी ने मोबाइल फोन पर मैसेजिंग और इंटरनेट से चैटिंग में सावधानी बरतने के लिए कहा था? क्या तुम कोई कोड वर्ड भी प्रयोग करती थी? बातचीत करने के लिए पूछताछ में एटीएस ने ये भी पूछा कि क्या उसने कभी फूफी’ और ‘फल’ जैसे कोडवर्ड का भी प्रयोग किया था?

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    आईएसआई में फूफी उस शख्स को कहा जाता है जो देश से जुड़ी जानकारियां आईएसआई तक भेजने का काम करता है. फल का नाम रुपयों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यूपी एटीएस ने ये भी पूछा कि तुम इतनी शुद्ध हिंदी कैसे बोल लेती हो तुम्हे हिन्दू रीति रवाज़ों के बारे में कैसे पता चला?

    सीमा हैदर पर गहराया UP ATS का शक
    एटीएस को इसलिए भी शक है कि सीमा हैदर ने खुद को पाकिस्तान की रहने वाली एक गरीब लड़की बताया था. पाकिस्तान में करीब-करीब हर शख्स उर्दू बोलता है. हिंदी शब्दों से पाकिस्तान में दूर दूर तक कोई नाता नहीं है. लेकिन इसी लड़की की भाषा में कहीं भी उर्दू नहीं झलकती है. सीमा हैदर के शब्दों में भी कहीं उर्दू के लफ्जों का इस्तेमाल नहीं होता है. क्या ये संभव है कि महज चंद महीनों में सालों तक पाकिस्तान में रही एक गरीब लड़की की भाषा पूरी तरह से बदल जाए वो हिंदी के ऐसे मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल करती है जिन्हें बिना पढ़े लिखे जानना संभव ही नहीं है.

    8 मई का मोबाइल बिल 8 मई को ही बना पासपोर्ट
    सीमा हैदर के पास से 8 मई का मोबाइल फोन का बिल मिला है और 8 मई को ही सीमा का पासपोर्ट जारी हुआ है. और इसके दो दिन बाद यानी 10 मई को उसने पाकिस्तान छोड़ दिया.

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