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Bhai Dooj 2024: 3 या 4 नवंबर. जानें भाई दूज की सही तारीख, नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि

Bhai Dooj 2024: भाई दूज और रक्षाबंधन दोनों ही त्योहार भाई-बहन के प्यारे रिश्ते का प्रतीक हैं। हालांकि दोनों त्योहारों के रीति-रिवाजों में अंतर है, लेकिन समानता यह है कि दोनों ही त्योहारों में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन के दिन जहां बहनें अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, वहीं भाई दूज पर्व के दिन बहनें अपने भाइयों का केवल तिलक करती हैं और उनकी सलामती और लंबी उम्र की कामना करती हैं।

भाई और बहन के प्रेम का यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, हर साल दिवाली दूसरे दिन पड़ता जाता है यह पांच दिवसीय दिवाली की श्रृंखला का यह पांचवां और अंतिम त्योहार है. लेकिन दिवाली की तिथि की तरह इस त्योहार की तिथियों पर भी कन्फ्यूजन है। आइए जानते हैं, यह 3 या 4 नवंबर में से किस तारीख को मनाया जाएगा, पूजा का शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि क्या है?

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3 या 4 नवंबर…भाई दूज कब है?

सनातन पंचांग के अनुसार, साल 2024 में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत रविवार 2 नवंबर को रात में 08 बजकर 21 मिनट से हो रही है. वहीं, इसका समापन अगले दिन सोमवार 3 नवंबर को देर रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।

भाई दूज 2024 का तिलक मुहूर्त

सनातन हिन्दू संस्कृति में भाई दूज त्योहार बेहद महत्व रखता है. यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और बंधन को मजबूत बनाने का एक मौका शुद्ध दिन और मौका देता है। इस दिन भाई-बहन मिलकर भगवान नरसिंह और यमराज की पूजा करते हैं। इस दिन भाई-बहन यमुना नदी में एक-साथ स्नान करते हैं.

जहां तक इस मौके पर तिलक लगाने के शुभ मुहूर्त की है, तो 3 नवंबर 2024 को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर बाद 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक है। इस अवधि के दौरान बहनें अपने भाई का तिलक कर सकती हैं।

पूजा और तिलक लगाने की विधि

भाई दूज के दिन सुबह भाई और बहनों जल्दी उठकर स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए अपने घर के कुलदेवता और कुलदेवी की पूजा कर लेनी चाहिए.

  • तिलक लगाने के शुभ मुहूर्त से पहले बहनें तिलक की थाली तैयार कर लेनी चाहिए।
  • तिलक की थाली में फल, फल, कुमकुम, मिठाई, चावल और चंदन या कुमकुम जरूर रखें।
  • शुभ मुहूर्त में बहनें अपनी अनामिका उंगली से भाई के माथे पर कुमकुम या चंदन से तिलक करें।
  • इसके बाद तिलक के ऊपर चावल लगाएं। तिलक करने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं।
  • बहुत जगहों पर दही से भी तिलक लगाया जाता है. अंत में बहनें भाई की आरती उतारें।
  • इसके बाद भाई अपनी बहनों को गिफ्ट दें और उनका आशीर्वाद लें।

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