लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म करने का भाजपा पर लगाया आरोप

लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म करने का भाजपा पर लगाया आरोप

वेब-डेस्क :- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धोखाधड़ी से जीत दर्ज की। ऐसा फर्जीवाड़ा जो पहले कभी नहीं देखा गया। उन्होंने बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की जोरदार वकालत की। अहमदाबाद में एआईसीसी सत्र को संबोधित करते हुए खरगे ने मोदी सरकार पर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने और लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए सरकारी संपत्ति बेचने का भी आरोप लगाया।

खरगे ने कहा, ‘पूरी दुनिया ईवीएम से बैलेट पेपर की ओर बढ़ रही है, लेकिन हम ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सब धोखाधड़ी है। वे हमसे इसे साबित करने के लिए कहते हैं। आपने ऐसी तकनीकें तैयार की हैं, जिनसे सत्ताधारी पार्टी को फायदा होता है और विपक्ष को नुकसान होता है।’

उन्होंने यहां साबरमती नदी के तट पर आयोजित सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इस देश के युवा उठेंगे और कहेंगे कि हमें बैलेट पेपर चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘महाराष्ट्र में क्या हुआ? हमने हर जगह इस मुद्दे को उठाया। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने जिस तरह की मतदाता सूची बनाई, वह एक धोखाधड़ी थी। हरियाणा में भी यही हुआ।’

खरगे ने कहा कि भाजपा ने 90 प्रतिशत सीटें जीतीं और कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। खरगे ने आरोप लगाया, ‘महाराष्ट्र चुनाव में जो धोखाधड़ी हुई, वैसी कभी नहीं हुई, जिसका उद्देश्य लोकतंत्र को नष्ट करना था।’ उन्होंने कहा कि हम इसके बारे में पता लगाएंगे। चोर हमेशा पकड़ा जाता है। हमारे वकील और नेता इसके लिए काम कर रहे हैं। हम यही कोशिश कर रहे हैं।

‘संविधान पर हमला कर रही सरकार’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सत्तारूढ़ पार्टी संविधान पर हमला कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों पर हमला किया जा रहा है। हमें उनकी रक्षा के लिए लड़ना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने संसद के बजट सत्र को अपनी मर्जी से चलाया। अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता का नाम लिया, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया। लोकतंत्र में यह शर्मनाक है। अगर आप विपक्ष के नेता को बोलने नहीं देंगे तो आप लोगों को अपनी आवाज कैसे उठाने देंगे?

‘सरकार कुछ छिपाना चाहती है’
उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के मुद्दों पर बहस करने के बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे के लिए देर रात तक संसद में बहस की। उनका इशारा वक्फ कानून के लिए लाए गए विधेयक पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही की ओर था। उन्होंने बताया कि मणिपुर पर बहस सुबह 4 बजे हुई और उन्होंने निवेदन किया कि इसे अगले दिन आयोजित किया जाए, लेकिन सरकार सहमत नहीं हुई। खरगे ने कहा और आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सरकार कुछ छिपाना चाहती है।

‘निजीकरण के जरिए एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश’
खरगे ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने के मुद्दे को संसद में उठाने की अनुमति नहीं दी गई। संसाधनों को कुछ पूंजीपतियों को सौंपकर एकाधिकार स्थापित किया जा रहा है। खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि निजीकरण के जरिए एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण खत्म किया जा रहा है।

यह भी पढ़े …

https://unique24cg.com/will-rbi-governor-say-what-will-be-relieved-from-inflation/

‘प्रधानमंत्री मोदी आग लगाते हैं और आरएसएस के लोग उसमें घी डालते हैं’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘अगर यह जारी रहा तो मोदी सरकार और मोदी पूरे देश को बेचकर चले जाएंगे।’ उन्होंने दावा किया कि यह सरकार अपने पूंजीपतियों के दोस्तों को संसाधन सौंप रही है। यह राष्ट्रीय हितों के भी खिलाफ हैं। खरगे ने भाजपा-आरएसएस पर सांप्रदायिकता को हवा देने के लिए 500 साल पुराने मुद्दे उठाने का आरोप लगाया। आरएसएस प्रमुख ने अपने लोगों से मस्जिदों के नीचे ‘शिवलिंग’ न खोजने को कहा, लेकिन वे ऐसा करना जारी रखते हैं और लोगों को बांटते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी आग लगाते हैं और आरएसएस के लोग उसमें घी डालते हैं।

भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता रखने का आरोप
उन्होंने भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता रखने का आरोप भी लगाया। दरअसल, कथित भाजपा नेता ने राजस्थान के अलवर में राम मंदिर में कांग्रेस के टीकाराम जूली के समारोह में भाग लेने के बाद मंदिर को शुद्ध करने के लिए गंगा जल छिड़का था। खरगे ने देश भर में जाति जनगणना की भी जोरदार वकालत की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक लाभ के लिए ओबीसी दर्जे का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनके कल्याण के लिए कदम नहीं उठाते।

देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें….

Unique 24 Bharat – YouTube

खबरें अन्य राज्यों की राजनीति