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    भारत सहित दुनिया में बढ़े Cancer के केस, क्यों हो रहा ऐसा

    ByWev Desk

    Sep 6, 2023 #India

    देश में सहित दुनियाभर में Cancer के मामलों की बढ़ती संख्‍या ने स्‍वास्‍थ्‍य महकमे की चिंता के साथ चुनौती बढ़ा दी है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (Oncology) की हाल में प्रकाशित एक स्‍टडी के अनुसार, पिछले तीन दशक में अंडर-50 आयुवर्ग के लोगों में कैंसर के नए मामलों की संख्‍या में 79 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह संख्‍या वर्ष 1990 की 1.82 मिलियन (18.20 लाख) से बढ़कर 2019 के 3.82 मिलियन (38.20 लाख) पहुंच गई है.यही नहीं, जानलेवा मानी जाने वाली कैंसर की बीमारी से होने वाली मौतों की संख्‍या भी इस अवधि में करीब 28 फीसदी बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक दुनिया में प्राइमरी स्‍टेज के कैंसर के मामलों की संख्‍या 31 फीसदी तक बढ़ सकती है. कैंसर से होने वालों की मौतों की संख्‍या 21 फीसदी बढ़ सकती है.

    यह स्‍टडी, भारत सहित दुनिया के 204 देशों में 29 तरह के कैंसर को कवर करने वाली Global Burden of Disease की 2019 की रिपोर्ट पर आधारित है. भारत की बात करें तो देश में वर्ष 2022 में कैंसर के रोगियों की संख्‍या 14.6 लाख के आसपास थी जो 205 में बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंचने की आशंका है. रिसर्चर्स के अनुसार, अनुवांशिक कारकों (Genetic factors) की इसमें भूमिका हो सकती है लेकिन भोजन में रेड मीट और नमक की अधिक मात्रा, शराब और तंबाकू का सेवन 50 वर्ष से कम के आयुवर्ग में कैंसर के आम कारण हैं.

    जानते हैं कैंसर, इसके लक्षण और इसके उपचार के बारे में
    कोशिकाओं में आने लगता है बदलाव :
    किसी व्‍यक्ति के शरीर में जब कोशिकाएं यानी सेल्स के जीन्स में किसी भी तरह का बदलाव आने लगता है तो कैंसर की शुरुआत होती है. कैंसर अपने आप से भी हो सकता है या फिर गुटखा, तंबाकू या कोई नशीले पदार्थ का सेवन भी इसका कारण बनता है. इसके लिए अल्‍ट्रावॉयलेट रेज और रेडिएशन भी जिम्मेदार हो सकते हैं. कैंसर को आमतौर पर लाइलाज बीमारी समझा जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. यदि कैंसर का शुरुआती स्‍टेज में ही पता चल जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है.

    कैंसर के प्रमुख प्रकार
    ब्लड कैंसर :
    ल्यूकेमिया एक खून से जुड़ी गंभीर बीमारी है जिसे ब्लड कैंसर भी कहा जाता है. जब किसी व्यक्ति को ब्‍लड कैंसर हो जाता है तो उसके शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाओं) की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है. इससे खून की कमी हो जाती है और धीरे-धीरे यह शरीर में संक्रमित हो जाता है.

    लंग्‍स कैंसर : लंग्‍स यानी फेफड़ों में कैंसर की प्रमुख वजह धूम्रपान को माना जाता है. इस कैंसर से पीड़ि‍त व्‍यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है, हड्डियों में बहुत दर्द होता है. बलगम जमने की शिकायत होती है और भूख नहीं लगती है. हर वक्त थकान रहती है.

    ब्रेन कैंसर : इस कैंसर को ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है. इसमें दिमाग के एक हिस्से में गांठ बन जाती है और वह धीरे-धीरे पूरे ब्रेन में फैल जाती है.

    ब्रेस्‍ट कैंसर: स्तन या ब्रेस्ट कैंसर ज्यादातर महिलाओं में पाया जाता है. महिलाओं के ब्रेस्‍ट (स्‍तन) में एक प्रकार की गांठ बन जाती है. इसका समय पर इलाज न कराया जाए तो यह पूरे ब्रेस्‍ट फैल जाती है. यह आम धारणा है कि ब्रेस्‍ट कैंसर केवल महिलाओं को होता है. यह बात सच नहीं है. पुरुषों को भी ब्रेस्‍ट कैंसर हो सकता है हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ब्रेस्‍ट कैंसर होने के बेहद कम मामले हैं.

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    सर्वाइकल कैंसर : किसी भी महिला को गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर तब होता है जब कोशिकाएं cervix (योनि से गर्भाशय तक का प्रवेश द्वार) में असामान्य रूप से विकसित होती हैं.

    स्किन कैंसर : त्वचा यानी स्किन कैंसर यूरोप में सबसे आम कैंसरों में से एक है. यह कैंसर बहुत ज्यादा गर्मी की वजह से होता है.यह पराबैंगनी विकिरण (यूवीआर) द्वारा त्वचा को क्षति पहुंचने के कारण होता है. भारत की बात करें तो हमारे में स्किन कैंसर की रिपोर्ट की गई घटनाएँ सभी कैंसरों की तुलना में 1% से भी कम है.

    कैंसर के लक्षण: आम लक्षण में वजन में कमी, बुखार, भूख कम लगना, हड्डियों में दर्द और खांसी या मूंह से खून आना आदि है. शरीर में किसी भी तरह का बिना वजह का दर्द है और वह दवाओं से ठीक नहीं हो रहा तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए जैसे सीने में दर्द, सर दर्द, फेफड़ों में दर्द या फिर पेट दर्द. पेशाब में किसी भी तरह की दिक्कत पैदा होना या फिर पेशाब के साथ खून आना भी इसका कारण हो सकता है.

    कैंसर फैलने के कारण, इससे कैसे बचें : विशेषज्ञों के अनुसार, अनुवांशिक कारणों के अलावा धूम्रपान, शराब का अत्‍यधिक सेवन, फलों और पौष्टिक आहार का कम सेवन करना और व्‍यायाम न करना इसके के कारण हो सकते हैं.स्किन कैंसर से बचने के लिए धूप से बचाव जरूरी है. ऐसे में यदि संभव हो तो सनस्क्रीन का प्रयोग करें.

    कैंसर का कैसे होता है उपचार
    कैंसर के इलाज का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि यह किस प्रकार का कैंसर है और किस स्‍टेज में है. कुछ तरह के कैंसर से पीड़ित लोगों का केवल एक ही इलाज-कीमोथेरेपी होता है लेकिन अधिकांश में उपचारों का कांबिनेशन होता है, जैसे कीमोथेरेपी के साथ सर्जरी. इसमें इम्यूनोथेरेपी, टारगेट थेरेपी या हार्मोन थेरेपी भी शामिल हो सकती है.

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