कीमतों में इजाफे की वजह
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) के महासचिव राजीव का कहना है कि कच्चे माल और अन्य खर्चों में बढ़ोतरी के कारण दवा कंपनियों को यह कदम उठाना पड़ा है। उनका मानना है कि इससे फार्मा इंडस्ट्री को कुछ राहत मिलेगी।
फार्मा कंपनियों पर उठ रहे सवाल
संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, फार्मा कंपनियों पर दवा कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी और नियमों के उल्लंघन का आरोप लग चुका है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) की रिपोर्ट के मुताबिक, 307 मामलों में कंपनियों द्वारा नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई है।
ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) 2013 के तहत, सरकार दवाओं की अधिकतम कीमत तय करती है, और सभी निर्माता तथा विक्रेता उन्हीं दरों के भीतर दवाएं बेचने के लिए बाध्य होते हैं।
सरकार की राहत देने की कोशिश
महंगे इलाज से परेशान मरीजों को राहत देने के लिए सरकार ने 36 जीवनरक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कदम कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों की मदद के लिए उठाया गया है।
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