छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में खुलासा, 9 आरोपियों के खिलाफ पेश किया चालान

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में खुलासा, 9 आरोपियों के खिलाफ पेश किया चालान

वेब-डेस्क :- 29 मार्च 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान पेश किया है। इस मामले में रानू साहू के पति, निलंबित आईएएस जयप्रकाश मौर्य समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पूरक चालान में यह स्पष्ट किया गया है कि आईएएस जयप्रकाश मौर्य ने अपनी पत्नी रानू साहू के साथ मिलकर कोयला घोटाले को अंजाम दिया। इस मामले में रानू साहू पहले ही जेल में बंद हैं, वहीं सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी भी सलाखों के पीछे हैं।

ईडी ने सूर्यकांत तिवारी को बताया मास्टरमाइंड

चालान में सूर्यकांत तिवारी को कोयला घोटाले का किंगपिन बताया गया है। हेमंत और वीरेंद्र जैसे सहयोगी अवैध कोयला लेवी वसूली में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। वहीं, पारिख और राहुल पर आरोप है कि वे सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर कोयला वसूली का सिंडिकेट चलाते थे। इसके अलावा, जोगिंदर सिंह, रामगोपाल और एडवोकेट पीयूष भाटिया की भी इस घोटाले में अहम भूमिका उजागर हुई है।

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570 करोड़ रुपए की वसूली, सिंडिकेट बनाकर चलता था घोटाला

ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि इस छतीसगढ़ के  घोटाले को सिंडिकेट बनाकर अंजाम दिया गया। कोयला व्यापारियों से 25 रुपए प्रति टन की दर से अवैध वसूली की जाती थी। व्यापारी रकम जमा करते थे, जिसके बाद खनिज विभाग से उन्हें पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे। इस तरह से अवैध वसूली के जरिए कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।

चालान में 9 बड़े नाम शामिल

ईडी ने जिन 9 लोगों को आरोपी बनाया है, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

  • रानू साहू – निलंबित आईएएस अधिकारी
  • जयप्रकाश मौर्य – रानू साहू के पति, आईएएस
  • सौम्या चौरसिया – इस मामले में पहले से जेल में
  • सूर्यकांत तिवारी – किंगपिन और घोटाले का मास्टरमाइंड
  • हेमंत और वीरेंद्र – अवैध वसूली में सहयोगी
  • पारिख और राहुल – कोयला लेवी घोटाले के सहयोगी
  • जोगिंदर सिंह और रामगोपाल – घोटाले में सक्रिय भूमिका
  • पीयूष भाटिया – एडवोकेट, इस पूरे मामले में कानूनी मददगार

कालेधन को सफेद करने की कोशिशें:-  छतीसगढ़  ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि वसूली गई रकम को अलग-अलग माध्यमों से सफेद करने की कोशिश की गई। इन पैसों का उपयोग अवैध संपत्तियों और फर्जी कंपनियों में निवेश के जरिए किया गया।

आगे की कार्रवाई जारी

ईडी अब इस मामले में जुड़े अन्य आरोपियों की जांच में जुटी है और इस सिंडिकेट से जुड़े अन्य बड़े नामों का भी पर्दाफाश हो सकता है।

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