
वेव डेस्क :- हर बच्चे के माँ-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा प्रतिभावान और होनहार बने। पर बच्चे में इन गुणों को लाने के लिए माता पिता को परवरिश पर ध्यान देने की जरूरत होती है। बच्चे को होशियार, आत्मनिर्भर और कॉन्फिडेंस बनाने के लिए माता पिता हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन कई बार बच्चे उनकी सोच के विपरीत निकलते हैं |
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हर बच्चे के माँ-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा प्रतिभावान और होनहार बने। पर बच्चे में इन गुणों को लाने के लिए माता पिता को परवरिश पर ध्यान देने की जरूरत होती है। बच्चे को होशियार, आत्मनिर्भर और कॉन्फिडेंस बनाने के लिए माता पिता हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन कई बार बच्चे उनकी सोच के विपरीत निकलते हैं |
पर क्या आप जानते हैं की ऐसा क्योँ होता है ? चलिए जानते हैं, ये तो आप जानते हैं की कई बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है और वह दब्बू बन जाते हैं। लोगों के सामने बात करने में बच्चों में झिझक होती है। क्या आपको पता है बच्चे के इस तरह के व्यवहार की वजह क्या है? बच्चे के दब्बू व्यवहार के पीछे माता पिता की परवरिश में कुछ गलतियां हो सकती हैं। वैसे तो कई माता पिता बच्चे को ऐसा बनता नहीं देखना चाहते, लेकिन कुछ गलतियों के कारण बच्चे के व्यवहार में आत्मविश्वास की कमी होने लगती है।
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इसके लिए माता पिता को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे की…………
बच्चों की कभी तुलना ना करें
माँ-पिता अक्सर बच्चे के सामने दूसरे बच्चे से उसकी तुलना करते हैं। पर माता पिता ऐसा बच्चे को दूसरे बच्चों के समझ कॉम्पिटेटिव बनाने के लिए करते हैं। लेकिन इसका विपरीत असर होता है उसके दिमाक पर | इससे बच्चे को नीचा महसूस हो सकता है और उनके मन में दूसरे बच्चे के प्रति ईर्ष्या, हिंसा और द्वेष पैदा हो सकता है। माता पिता का अक्सर अपने बच्चे के सामने दूसरे बच्चे की तारीफ करते हैं, यह भी उस के आत्मविश्वास को ठेस पहुंचा सकता है। इसलिए आपको इसका ध्यान रखना चाहिए |

ज्यादा सख्ती से काम ना लें
माना की बच्चों को अनुशासन में रखना जरूरी है। और उसके लिए माता पिता बच्चों पर कुछ सख्ती करते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा सख्ती बच्चे के मन में डर डाल सकती है। और उस डर के कारण बच्चा अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं कर पाता और उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। बच्चे पर जरूरत से अधिक सख्ती न करें, बल्कि उन्हें सबके बीच सहज महसूस कराने की कोशिश करें। जिससे वह खुलकर सबके सामने अपनी बात कह सके |
motivation की कमी न होने दें
आप अपने बच्चे की गलतियों या शैतानियों पर उसे डांटते हैं, तो आपको उनके अच्छे कार्यों पर उनका उत्साहवर्धन भी करना चाहिए। लेकिन कई बार माता पिता बच्चे का उत्साहवर्धन नहीं करते, इससे बच्चे के मन को ठेस पहुंचती है। वह बेहतर करने की कोशिश के बाद भी माता पिता से तारीफ न मिलने पर निराश हो जाता है और दब्बू बनने लगता है। आपका ये व्यवहार आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है |

ज्यादा डांटना-मारना भी गलत है
आपके बच्चे की गलती पर उसे जरूरत से ज्यादा डांटना या पीटना भी आपकी ही गलती है। माता पिता का यह व्यवहार बच्चे को डरा सकता है। मारपीट से बच्चे के अंदर आत्मविश्वास की कमी आ जाती है और उसे लगता है कि वह जो भी कार्य कर रहा है वह गलत होगा। हर काम पर उसे मार पड़ेगी, उसकी ये सोच उसे शिथिल कर देती है और वह गुमसुम रहना शुरू कर सकता है |
आपको अपने बच्चे के बड़े होने के दौरान आपको इन सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए, इससे आप और वो दोनों ही तनाव से बचे रहेंगे | आपका बच्चा भी प्रतिभावान और होनहार बनेगा |
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