
रायपुर :- अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग के रायपुर ज़ोन महासचिव कायनात शेख़ ने पुलिस महानिरीक्षक रायपुर संभाग को शिकायत पत्र देकर माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर अंकुश लगाये जाने का आग्रह किया है | उन्होंने बताया है की रायपुर जिले सहित पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में माइक्रो फाइनेंस कंपनी का जाल फैला हुआ है,
ये कम्पनियां गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार और मजदुर वर्ग के लोगों से मनमाना वसूली करती है |
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उक्त कंपनी छोटे छोटे व्यवसाय के लिए लोन प्रदाय करने का कार्य करती है, तथा अपना जाल फ़ैलाने के लिए इन मध्यम वर्ग और मजूदर वर्ग को लोन देने और तरह तरह के प्रलोभन दिया जाता है | जिसके चक्कर में आ कर गरीब परिवार फंस जाता है या लोन लेकर उलझ जाते है, बाद में कंपनियों के एजेंटो के द्वारा कुछ प्रतिबंधात्मक नियमो को लागु किया जाता है जैसे किसी के परिवार में दुःखद घटना हो जाए या अस्पताल में भर्ती हो जाये ऐसे हालातो में भी उक्त माइक्रो फाइनेंस कंपनी अपने एजेंटो के माध्यम से लोन की वसूली को दबाव पूर्वक करवाया जाता है |
ये कंपनिया नियम विरुद्ध अपने फायदे के लिए अनाप – सनाप लोन बाटती है, जिनके जाल में मध्यम वर्ग और मजदुर वर्ग के परिवार फंस जाता है | उस के बाद कंपनी के एजेंट वसूली के लिए जिन घरो में जाते है उनके परिवार वालो को अपशब्द कहे जाते हैं और दुर्व्यवहार किया जाता है | इनके ऐसे व्यव्हार से कुछ लोग घर छोड़ कर चले जाते है, आत्महत्या का प्रयास करते हैं | ऐसी परिस्थिति में माननीय महोदय जी से आग्रह है की ऐसे माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर नियम विरुद्ध लोन बाटने के कार्यो पर अंकुश लगाया जाये और उक्त कंपनियों को यह दिशा निर्देश जारी किया जाये की दबाव पूर्वक वसूली न किया जाए ताकि मध्यम वर्गीय और मजदुर वर्गीय के परिवार को बिखरने से बचाया जा सके |
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