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    कोरोना के नए वेरिएंट ‘Eris’ से पूरी दुनिया की बढ़ी टेंशन

    ByWev Desk

    Aug 8, 2023 #Eris

    Eris: कोरोना वायरस का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस नए वेरिएंट को EG.5.1 या एरिस नाम से पहचाना गया है। यह ओमीक्रोन से निकला है। इस नए वेरिएंट एरिस का कहर ब्रिटेन में जारी है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क हो गए हैं। ब्रिटेन में पिछले महीने इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज सामने आए थे। ब्रिटेन में यह बहुत तेजी से फैल रहा है। हर 7 नए कोरोना संक्रमित मरीजों में एक मरीज इस नए वेरिएंट से संक्रमित मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई को हर 1,00,000 लोगों में से 3.3 को कोविड था।

    लेकिन 29 जुलाई को यह बढ़कर 7.2 लोगों तक पहुंच गया। माना जा रहा है कि नया स्ट्रेन ही इसके लिए जिम्मेदार है। एरिस मई की शुरुआत में सामने आया था। जिसके तुरंत बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे अपनी वॉच लिस्ट में शामिल कर लिया। फिलहाल कोरोना के इस नए वेरिएंट को ‘चिंताजनक’ नहीं माना जा रहा है। जानिए क्या हैं एरिस के लक्षण इस वेरिएंट के मुख्य लक्षण ओमीक्रोन के जैसे ही है। जैसे गले में खराश, नाक बहना, नाक का बंद होना, छींक आना, सूखी खांसी, सिरदर्द, कफ वाली खांसी, मांसपेशियों में दर्द और गंध आने की क्षमता का प्रभावित होना।

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    हालांकि सांस लेने में तकलीफ, महक न आना और बुखार अब मुख्य लक्षण नहीं हैं। वारविक यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने कहा कि इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी हाल के खराब मौसम के कारण हो सकती है। एरिस वायरल संक्रमण फैला रहा है। इसमें कुछ अन्‍य लक्षण भी सामने आ सकते हैं। बुजुर्ग और कमजोर इम्‍यूनिटी वालों पर इसका जल्‍दी असर हो सकता है। ऐसे में उन्‍हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। Diabetes के मरीज हैं तो रोजाना खाएं अनार, Blood Sugar फौरन होगा डाउन एरिस से कैसे करें बचाव इस नए वेरिएंट से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका सोशल डिस्टेंसिंग हैं।

    जैसे ही लक्षण नजर आएं तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस वेरिएंट के प्रति हमेशा सतर्क रहें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहे। इससे इसका खतरा कम हो सकता है। एरिस के प्रति WHO की बनी हुई है पैनी नजर इस मामले में WHO अपनी नजर बनाए हुए है। WHO का मानना है कि अगर किसी को फेफड़े से जुड़ी बीमारी है तो उसे अन्य लोगों से दूर रखना चाहिए। WHO का कहना है कि सभी देशों को अपनी सतर्कता कम नहीं करनी चाहिए। हमेशा अलर्ट मोड में रहना चाहिए।

    खत्म नहीं होगा कोरोना हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि भले ही WHO ने कोरोना को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी अब नहीं माना है। लेकिन ये बीमारी खत्म नहीं हुई है। अभी भी इसके केस आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। लेकिन कोविड की वजह से ऐसा खतरा होने की आशंका नहीं है जो हमने बीते सालों में देखा है। भारत में अभी इसका कोई खतरना नहीं है। लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।

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