
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने आज को देश का नया रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च किया है. ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड एक से सफलतापूर्वक की गई लेकिन रॉकेटको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में बाधा आई है. इसका सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया है. ISRO ने कहा है कि वह सैटेलाइट डेटा का एनालिसिस कर रहा है.
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने ट्वीट कर कहा कि वह अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी1 के प्रक्षेपण पर “डेटा का विश्लेषण” कर रहा है, जो आज सुबह श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और एक छात्र उपग्रह लेकर गया. इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, “SSLV-D1 ने सभी चरणों में अपेक्षित रूप से प्रदर्शन किया. मिशन के अंतिम चरण में, कुछ डेटा में दिक्कत आ रही है. हम एक स्थिर कक्षा प्राप्त करने के संबंध में मिशन के अंतिम परिणाम को समाप्त करने के लिए डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं.”
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एसएसएलवी 34 मीटर लंबा है, जो कि पीएसएलवी से लगभग 10 मीटर कम लंबाई है और पीएसएलवी के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास दो मीटर है. पीएसएलवी का वजन 320 टन है, जबकि एसएसएलवी का 120 टन है. पीएसएलवी 1800 किलोग्राम वजन के पेलोड को ले जा सकता है. देश का पहला सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल 3 जिसे 1980 में लॉन्च किया गया था, वो 40 किग्रा तक के पेलोड ले जा सकता था.
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