
Sports Desk: – आईपीएल के प्लेऑफ में अक्सर नेट रन रेट बड़ी भूमिका निभाता है, पर क्या आप जानते हैं की आखिर ये नेट रन रेट है क्या ? इस खबर में हम इसी बारे में बात करेंगे कि नेट रन रेट क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है?
मशहूर क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपरजायंट्स के मुकाबले के दौरान बीसीसीआई से यह तक मांग कर डाली कि लीग में बड़ी जीत पर बोनस अंक देने की शुरुआत कर देनी चाहिए ताकि नेट रन रेट की उलझन से बचा जा सके | अगर आईपीएल 2022 के पॉइंट्स टेबल पर नजर डालें, तो गुजरात के 18 अंक हैं, लखनऊ सुपरजायंट्स और राजस्थान रॉयल्स के 16-16 अंक हैं, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के 14 अंक हैं, वहीं, तीन टीमों दिल्ली कैपिटल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के बराबर 12-12 अंक हैं |
अगर बैंगलोर अपना मुकाबला हार जाए तो 14 अंक से भी उसका प्लेऑफ का रास्ता खुल सकता है | ऐसा होने पर बेहतर नेट रन रेट वाली टीम अगले राउंड में जगह बनाएगी | पर आखिर नेट रन रेट क्या होता है ? और टीमें अपना रन रेट कैसे बेहतर कर सकती हैं? यह सिलसिलेवार ढंग से हम आपको बताने जा रहे हैं |
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क्या होता है नेट रन रेट ?
नेट रन रेट को आसान भाषा में समझा जाये तो इसका मतलब यह है कि कोई टीम कितनी आसानी या मुश्किल से जीत दर्ज करती है, यह उसका नेट रन रेट कहलाता है जितनी बड़ी जीत, उतना बेहतर नेट रन रेट | इसके निकालने का तरीका आसान है, इसके लिए किसी टीम के बल्लेबाजी रन रेट (कितने रन बनाए/कितने ओवर खेले) को उसकी गेंदबाजी रन रेट (कितने रन दिए/कितने ओवर फेंके) से घटाया जाता है, जैसे की आईपीएल में ही किसी टीम ने 20 ओवर में 180 रन बनाए और फिर गेंदबाजी करते हुए 20 ओवर में 140 रन ही दिए, तो उसका नेट रन रेट 2 होगा | यानि 180 रन में से 140 रन घटाकर इसका नेट रन रेट निकाला गया है |
यह कैसे होगा आपको समझाते हैं? ऊपर दिए गए उदाहरण में बैटिंग रन रेट 9 होगा क्योंकि टीम ने 20 ओवर में 180 रन बनाए हैं | उसका बॉलिंग रन रेट 7 होगा क्योंकि उसने 20 ओवर में 140 रन खर्च किए | अब अगर बैटिंग रन रेट में से बॉलिंग रन रेट को घटा देंगे, तो नेट रन रेट हासिल हो जाएगा | बैटिंग रन रेट 9- बॉलिंग रन रेट 7= 2 और इस तरह टीम का नेट रन रेट 2 होगा |
क्या होगा जब कोई टीम पूरे ओवर खेले बिना आउट हो जाए ?
अगर कोई टीम निर्धारित ओवर से पहले ही ऑल आउट हो जाती है, तो भी नेट रन रेट का कैलकुलेशन उसके फुल कोटा के ओवर के आधार पर ही होगा | इसे इस प्रकार से समझते हैं |
आपको पता ही होगा आईपीएल 2022 का 59वां मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच हुआ था, चेन्नई की टीम 16 ओवर में 6.06 के रन रेट से 97 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी | लेकिन नेट रन रेट के कैलकुलेशन के लिए चेन्नई का बैटिंग रन रेट रेट 4.85 माना जाएगा (97 रन/20 ओवर=4.85), यानी बैटिंग रन रेट को निकालने के लिए टीम के कोटे के 20 ओवर को ही आधार माना जाएगा |
क्रिकइंफो के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि किसी भी टीम को भी जल्दी आउट होने का फायदा न मिले | ऐसी परिस्थिति की कल्पना कीजिए जहां टीम ‘ए’ नतीजे की परवाह किए बगैर अपना नेट रन रेट बेहतर करना चाहती है, ऐसे में यह टीम नेट रन रेट को बेहतर करने के लिए 6 ओवर में 60 रन बनाकर आउट हो जाती है | अब अगर टीम ‘बी’ 12 ओवर में मैच जीत लेती है, तो भी मैच हारने के बावजूद टीम ‘ए’ का नेट रन रेट टीम ‘बी’ से दोगुना हो जाएगा, अगर नेट रन रेट टीम द्वारा खेले गए ओवर के आधार पर निकाला जाएगा |
इन्हीं सब समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही नेट रन रेट का कैलकुलेशन कुल ओवर के आधार पर किया जाता है, ताकि जीतने वाली टीम का नेट रन रेट हमेशा ही हारने वाली टीम से ऊपर या बेहतर रहे और यह सही भी है |
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क्या नेट रन रेट कैलकुलेट करने में विकेट मायने रखता है?
अगर हम इसका उत्तर जानना चाहें तो उत्तर होगा – नहीं, क्योकि विकेट लेने या खोने से नेट रन रेट पर कोई फर्क नहीं पड़ता है | यही इस सिस्टम या प्रोसेस की सबसे बड़ी खामी है | वनडे क्रिकेट में टीमों को इसका ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ता है, जहां टी20 की तुलना में अधिक ओवर से जीत दर्ज करने के बावजूद जब टीम की किस्मत का फैसला नेट रन रेट के आधार पर होता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ जाता है |
इसे इस तरह से समझते हैं- सन 2015 वन डे विश्व कप में न्यूज़ीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 32.2 ओवर में 151 रन पर ऑल आउट कर 152 रन के लक्ष्य को 23.1 ओवर में ही हासिल कर लिया था | हालांकि इस टारगेट को हासिल करने में उसने 9 विकेट खो दिए थे, लेकिन इसका कोई ख़ास फर्क नेट रन रेट पर नहीं पड़ा | इस मैच में जीत दर्ज करने से उसका नेट रन रेट बढ़कर 3.54 हो गया, ऐसा इसलिए क्योंकि न्यूजीलैंड ने 6.56 रन प्रति ओवर के रन रेट से 23.1 ओवर में 152 रन बनाए थे और 50 ओवर में 3.02 के रन रेट के हिसाब से 151 रन दिए थे |
क्या सही है नेट रन रेट बढ़ाने के लिए ?
इस सवाल का कोई साफ जवाब नहीं हो सकता है, क्योकि ऐसा भी हो सकता है कि कोई टीम पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित ओवर में तेज़ गति से रन बनाते हुए एक बड़ा स्कोर खड़ा करे और अपना रन रेट बढ़ाए | वहीं दूसरी ओर रन चेज टीम को यह मौका देता है कि वो कम ओवर में तय लक्ष्य को हासिल करने के साथ अपने नेट रन रेट में जरूरी सुधार भी करे |
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उदाहरण के तौर पर हम आईपीएल 2022 में कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच हुए मुकाबले की बात करते हैं | इस मैच से पहले तक केकेआर का नेट रन रेट -0.057 था, जबकि केकेआर ने हैदराबाद के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 177 रन बनाए और फिर हैदराबाद को 123 रन पर रोकते हुए 54 रन से जीत हासिल की | इससे केकेआर अंक तालिका में छठे स्थान पर आ गया और उसका नेट रन रेट 0.160 हो गया, जो चौथे स्थान पर काबिज आरसीबी (-0.323) से भी बेहतर है | वहीं इस हार के बाद हैदराबाद का नेट रन रेट -0.270 हो गया और वह प्लेऑफ के लिए बची 8 टीमों में से वो सबसे निचली पायदान पर पहुंच गया | जबकि उसने दोनों ही छेत्रों में अपना प्रद्रशन सही किया था |
अब आप इस नेट रन रेट के खेल को समझ गए होंगे, तो अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं |
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