राजभवन में आज असम और नागालैंड राज्यों के स्थापना दिवस के अवसर पर रंगारंग संास्कृतिक कार्यक्रमों के साथ स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर कहा कि हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों,भाषाओं और परंपराओं का संगम है। केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे के स्थापना दिवस मनाते हैं। इसी कड़ी में आज राजभवन के दरबार हॉल में असम एवं नागालैंड राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर इन राज्यों के लोगों को बधाई दी।
राज्यपाल डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन दो अद्भुत राज्यों के स्थापना दिवस के अवसर पर, हमारे लिए उनके समृद्ध इतिहास, अद्भुत संस्कृति और उनकी आशाओं और सपनों के बारे में अधिक जानना महत्वपूर्ण है। उन्होंने असम और नागालैंड राज्य की विशेषताओं को रेखांकित किया। असम राज्य भारत के ईशान कोण में स्थित है और ईशान कोण में भगवान का वास माना जाता है। यह उत्तर-पूर्व भारत के उन 8 राज्यों में से एक है जिन्हें अष्टलक्ष्मी कहा जाता है। अपने विविध वन्य जीव और सुंदर ब्रह्मपुत्र नदी के लिए यह जाना जाता है।
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राज्यपाल ने कहा कि असम और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, अर्थवयवस्था मिलती-जुलती है। इन राज्यों की संस्कृति रामायण काल की है। असम की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है, जिसमें संगीत, नृत्य, कला और साहित्य शामिल हैं। यहां के चाय की स्फूर्तिदायक खुशबू पूरी दुनिया में फैली है। देश के चाय बाजार का 57 प्रतिशत हिस्सा असम का हैं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक वातावरण भी चाय उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसलिए इस दिशा में प्रयास किया जाएगा जिससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्वस्था आगे बढे़गी।
डेका ने कहा कि नागालैंड भी एक खूबसूरत राज्य है। जीवंत रंगों और बहादुरी की कहानियां इस राज्य में भरी पड़ी है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में रानी गैडिनल्यू सहित असंख्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना योगदान दिया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज भी यहां आई और यहां कई स्थानों पर स्वतंत्रता आंदोलन किए गए।
डेका ने आगे कहा कि असम और नागालैंड अलग-अलग संस्कृति और समृद्ध अतीत वाले दो राज्य हैं। लेकिन दोनों राज्यों के निवासी प्रगति और विकास की समान रूप से आकांक्षा रखते हैं। स्थापना दिवस का जश्न हमारे राष्ट्र के प्रति हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को याद करने का भी एक अवसर है।
कार्यक्रम को असम राज्य के प्रतिनिधि के रूप में अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्प संख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा और नागालैंड की प्रतिनिधि सु संगमाई ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर असम की महिलाओं के बिहू नृत्य सहित दोनों राज्यों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति, विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं तथा वनवासी आश्रम की छात्राओं ने दी।
कार्यक्रम में भिलाई के भजन गायक दीपेन्द्र हलधर द्वारा असम के प्रसिद्ध गायक भारत रत्न स्वर्गीय भूपेन्द्र हजारिका के गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति और पद्म भारती बंधु के भजन गायन ने सभी अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। दोनों राज्य के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने भी राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किए।कार्यक्रम में पूर्व लोकसभा सांसद नत्थूभाई पटेल, राज्यपाल के सचिव यशंवत कुमार, राजभवन के अन्य अधिकारी तथा दोनों राज्यों के प्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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