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    फर्जी वेबसाइट के जरिये जाली आधार और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

    ByWev Desk

    Aug 4, 2023 #India, #news

    नोएडा. साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह के 12 लोगों को पकड़ा है, जिनके तार दिल्ली-एनसीआर से भी जुड़ रहे हैं. पुलिस का मानना है कि फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड की सबसे अधिक खपत दिल्ली-एनसीआर में हुई है, जिनका इस्तेमाल फर्जी कंपनी या बैंक खाता खोलने और सिम एक्टिवेट कराने के लिए साइबर अपराधियों ने किया है.

    एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने बताया कि हाल ही में उनकी टीम ने वाराणसी, लखनऊ, गौतमबुद्धनगर और बिहार से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने देशभर में कई लोगों को नकली पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाने की फ्रेंचाइजी तक बांट रखी थी. आरोपियों से मिले इनपुट के आधार पर दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य इलाकों में साइबर पुलिस की जांच जारी है. इस गिरोह द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली छह वेबसाइटों के बारे में पुलिस को अभी तक पता लग चुका है, मगर माना जा रहा है कि उन्होंने इस तरह की 50 से अधिक फर्जी वेबसाइट बना रखी हैं. नोएडा पुलिस ने हाल ही में 45 लाख की नकदी के साथ एक युवक को पकड़ा था, जिसके पास से पुलिस ने एक ही व्यक्ति के पांच आधार कार्ड बरामद किए थे.

    कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर ED की छापेमारी

    पब्लिक डोमेन से सबसे ज्यादा डेटा चोरी
    डेटा चोरी होने और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लोकल सर्कल द्वारा किए गए एक सर्वे में ज्यादातर लोगों ने माना कि पब्लिक डोमेन से उनका डेटा सबसे ज्यादा चोरी हुआ.

    ● अपना पैन हर जगह डालने से बचें. वेबसाइट की प्रामाणिकता को चेक करें. ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे अन्य आईडी विवरणों का इस्तेमाल करें, जो कम असुरक्षित हैं.

    ● केवल प्रामाणिक लोगों या कंपनियों को पैन की फोटोकॉपी जमा करें. साथ ही इन फोटोकॉपी पर तारीख के साथ हस्ताक्षर करें.

    ● ऑनलाइन पोर्टल्स पर अपना पूरा नाम और जन्म तिथि दर्ज करने से बचें. इनका इस्तेमाल पैन को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है.

    ऐसे करते थे वारदात
    आरोपी डोमेन सर्विस प्रोवाइडर से एक डोमेन खरीदकर वेबसाइट बनाते थे. यह यूजर बेस वेबसाइट होती है, जिसमें किसी भी व्यक्ति का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डालकर यूजर आईडी बना लेते हैं. आईडी के बाद वेबसाइट में आधार कार्ड, पैनकार्ड और अन्य डिजिटल गजट बनाने के लिए दो तरह की प्रोग्रामिंग मिलती है. कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन फिंगर प्रिंट की से या मैनुअल स्वत डेटा भरकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और डिजिटल गजट बना सकता है.

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