वेब- डेस्क :- हाल ही में हुए एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह प्रमाणित हुआ है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जैसे अश्वगंधा, गिलोय, और तुलसी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक हैं। अध्ययन के अनुसार, इन औषधियों के नियमित सेवन से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की संख्या में वृद्धि होती है, जो संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
भारतीय आयुर्वेद संस्थान के प्रमुख डॉ. रामकृष्ण वर्मा ने बताया कि “आयुर्वेदिक उपचार न केवल रोगों से लड़ने में मददगार है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।” इस शोध में 500 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें 80% प्रतिभागियों ने 3 महीने के भीतर सकारात्मक परिणाम अनुभव किए।
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विशेषज्ञों का मानना है कि आयुर्वेदिक औषधियां आधुनिक चिकित्सा के साथ मिलकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को दोगुना कर सकती हैं। इसके अलावा, योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करने से भी प्रतिरक्षा प्रणाली को और मजबूत किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के मुख्य लाभ:
अश्वगंधा: तनाव कम करने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक।
- गिलोय: संक्रमण से लड़ने और बुखार को नियंत्रित करने में प्रभावी।
- तुलसी: एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर, श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती है।
समाज में जागरूकता बढ़ी: आयुर्वेद को लेकर लोगों में रुचि बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग प्रशिक्षित चिकित्सकों की सलाह पर करें।
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