
न्यूज़ डेस्क :- आप अगर भारत की रोमांचक जगहों की यात्रा पर निकले हैं और ऐसी प्राचीन जगहें देखना चाहते हैं, जो खतरनाक होने के साथ ही फेमस भी हैं, तो आप प्रबलगढ़ का किला घूम सकते हैं | वैसे तो भारत में कई प्राचीन किले और स्मारक हैं जहां पर्यटक जाते हैं, लेकिन यह एक ऐसी जगह है, जहां सभी नहीं जा पाते. और इसकी वजह यहां की दुर्गमता, यह किला कलावंती किले के नाम से भी मशहूर है | पहाड़ की ऊंचाई पर बसे हुए इस किले को देखने के लिए खड़ी सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जिसमें जान का जोखिम भी रहता है | यही कारण है कि कम ही लोग इस किले को देखने के लिए जाते हैं |
हमें Facebook पर फ़ॉलो करें…..👉 Unique 24 CG | Facebook
कंहा है प्रबलगढ़ का किला
प्रबलगढ़ का किला महाराष्ट्र में स्थित है. महाराष्ट्र में ऐसे ही दुर्गम किले और भी हैं. जहां की कहानियां सैलानियों को रोमांचित कर देती है. यह किला माथेरान और पनवेल के बीच स्थित है. इसकी संरचना और ऊंचाई के कारण इसे भारत का सबसे ऊंचा और खतरनाक किला कहा जाता है. पुराने किलों और स्मारकों को देखने वाले लोगों के बीच यह किला हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. रायगढ़ जिले में स्थित इस किले से आप आसपास के शानदार और मनोरम दृश्य देख सकते हैं |

सूर्यास्त से पहले ही यहां से वापस लौट आते हैं सैलानी
सूर्यास्त होने से पहले ही सैलानी इस किले से वापस लौट आते हैं. क्योंकि अगर शाम हो गई तो यहां से वापस लौटना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा इस जगह पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि सैलानी ठहर सकें. न ही पर्यटकों को यहां बिजली मिलेगी और न ही पानी. इसी वजह से सांझ ढलने से पहले ही टूरिस्ट इस किले से नीचे उतर जाते हैं. क्योंकि अगर शाम हो गई और सीढ़िया उतरने में जरा-सी भी चूक हुई तो सीधे जान जा सकती है |
हमें Twitter पर फ़ॉलो करें…..👉 (1) Unique 24 CG (@Unique24CG1) / Twitter
2300 फीट की ऊंचाई पर है स्थित
प्रबलगढ़ का किला 2300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से सैलानी इरशालगढ़ किले और कल्याण किले को निहार सकते हैं. इस किले के आसपास की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. इस किले तक पहुंचाने वाली सीढ़ियों में रेलिंग नहीं होने के कारण यह और ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं. यह किला पहले प्रहरीदुर्ग था और इसका नाम मुरंजन किला था. लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन के दौरान इसका नाम प्रबलगढ़ रख दिया गया. मानसून और बारिश के दौरान सैलानी यहां जाने से बचते हैं क्योंकि इस वक्त यहां फिसलन हो जाती है और जान जोखिम में पड़ सकती है. साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले सैलानी यहां जा सकते हैं और ट्रैकिंग कर सकते हैं |
यह भी पढ़े …..👉 प्रदेश से होगा नक्सलवाद ख़त्म : मुख्यमंत्री Unique 24 News (unique24cg.com)
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए,
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें 👇