
पटना :- चारा घोटाला में जेल की हवा खा रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में ट्रायल का सामना कर रहे हैं, उनके साथ साथ 99 अभियुक्तों की किस्मत का फैसला आज मंगलवार को होने जा रहा है। सुबह दस बजे से कोर्ट में अभियुक्तों की पेशी शुरू हो चुकी है।
दोपहर तक अभियुक्तों को फैसला सुना दिया जाएगा। रांची के कचहरी रोड स्थित कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुबह साढ़े नौ बजे के लालू यादव गेस्ट हाउस रवाना हो कर कोर्ट पहुँच गए है। इस दौरान उनके चेहरे पर तनाव साफ नजर आ रहा है। मामले में बहस पूरी होने के बाद सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
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लालू के खिलाफ यह पांचवां एवं अंतिम मामला होगा, जिसमें फैसला आने वाला है। इससे पहले सीबीआइ कोर्ट उन्हें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में पहले ही सजा सुना चुकी है। इन मामलों में सजायाफ्ता लालू फिलहाल जमानत पर हैं, अगर अब उन्हें डोरंडा कोषागार मामले में दोषी भी करार दिया जाता है तो उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया जाएगा।
सीबीआइ के स्पेशल पीपी बीएमपी सिंह ने बताया कि इस मामले में 575 गवाह पेश किए गए। जबकि, बचाव पक्ष से 25 गवाह पेश हुए। सीबीआइ ने 15 ट्रंक दस्तावेज अदालत में पेश किए हैं। इस मामले में स्कूटर, मोपेड और मोटरसाइकिल से पशुचारा, सांड, भैंस, बछिया, बकरी और भेड़ झारखंड लाए गए थे। इस गड़बड़ी को साबित करने के लिए सीबीआइ ने कई राज्यों के 150 डीटीओ और आरटीओ को गवाह के रूप में शामिल किया था। जिसमें उन्होंने उक्त वाहनों के पंजीयन की जानकारी दी थी।
यह दिलचस्प है कि कोर्ट के जिस कक्ष में लालू प्रसाद यादव पर फैसला सुनाया जाना है, उस कक्ष में तीसरी बार उनकी किस्मत का फैसला लिखा जाएगा। वर्ष 2013 में कोर्ट के इसी कक्ष में सीबीआइ के जज पीके सिंह ने पहली बार लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई थी। इसके बाद लगातार एस नाम के तीन जजों एसएस प्रसाद, शिवपाल सिंह यादव (दो मामलों में सजा सुनाई) ने उन्हें सजा सुनाई है। अब सबकी नजरें सुधांशु कुमार शशि पर टिकी हैं।
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