
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के स्वरुपों की पूजा की जाती है। जिनमें से अष्ट्मी और नवमी तिथि का महत्व ज्यादा माना गया है। इस दिन महागौरी की पूजा विधि-विधान से की जाती है और कन्या पूजन भी कराया जाता है। आज नवरात्रि का आंठवा दिन यानी महाअष्टमी है। कई व्रतधारी आज महागौरी और कन्या पूजन कर अपने व्रत का पारण करेंगे। तो आइए जान लें आज कन्या और अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त-
यह भी पढ़े- https://unique24cg.com/mother-katyayanis-sixth-day-of-navratri/
दुर्गा अष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त (Ashtami Shubh Muhurat)
शोभन योग- 2 अक्टूबर शाम 5 बजकर 14 मिनट से 3 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 21 मिनट तक
संधि पूजा का मुहूर्त- 3 अक्टूबर शाम 4 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 2 मिनट तक
राहुकाल- सुबह 7 बजकर 33 मिनट से 11 बजकर 57 मिनट तक
अष्टमी पर संधि पूजा करना काफी फलदायी मानी गई है। बता दें कि अष्टमी समाप्त होने के आखिरी 24 मिनट और नवमी शुरु होने के शुरुआती 24 मिनट को संधि काल कहा जाता है। संधि पूजा भी महा अष्टमी पर पड़ती है, जहां लोग देवता के समक्ष पशु या सब्जी और फलों की बलि चढ़ाते हैं। संधि पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 04:13 से लेकर शाम 05:01 बजे तक का है।
हमें instagram पर फ़ॉलो करें…..👉 unique24cg.com (@unique24cg) • Instagram photos and videos
कन्या पूजन (Kanya Pujan)
महाअष्टमी के दिन 9 कन्याओं को बोजन कराना चाहिए। वहीं कन्या के साथ एक बालक को भी आमंत्रित करना चाहिए और भोजन करामा चाहिए। इस दिन कन्याओं को पूड़ी, चने और हल्वे का भोजन कराना चाहिए। बता दें कि न 9 कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर इनकी पूजा की जाती है। फिर इनके चरण पानी से धोकर इनको भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा अपने भक्तों से काफी प्रसन्न होती है।
जो लोग अष्टमी पर व्रत को पूरा करते है उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वे मां के सामने हवन जरूर करें। बता दें कि हवन के बिना नवरात्रि व्रत का फल प्राप्त नहीं होता। साथ ही हवन करने से सकारात्मक ऊर्जा और सोच का संचार होता है।
दुर्गाष्टमी पर मां महागौरी को हलवा, पूड़ी, चने और नारियल का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने पर मां दुर्गा अपने भक्तों की सभी मनोकाम्नाएं पूरी करती है। साथ ही ऐसा करने पर धन की कमी कभी महसूस नहीं होती है और सभी परेशानियों का नष्ट हो जाता है।
महाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करते समय 16 श्रृंगार की पूरी चीजें माता के चरणों पर अर्पित कर देना चाहिए। इसके बाद इन सभी चीजों को सुहागिन महिलाओं को दान करना चाहिए। ऐसा करने पर सौभाग्य में वृद्धि होती है।
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए,
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें 👇