
न्यूज़ डेस्क :- सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के लेटेस्ट आंकड़ों से पता चलता है कि भारत से पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट में जबरदस्त बढोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में गाड़ियों का एक्सपोर्ट 46 प्रतिशत बढ़ा है। इसमें मारुति सुजुकी इंडिया ने लगभग 1.68 लाख यूनिट विदेशों में भेजकर इस सेग्मेंट में नंबर 1 स्थान हासिल किया है।
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अप्रैल-दिसंबर 2021-22 में वैन का एक्सपोर्ट लगभग दोगुना होकर 1,621 यूनिट हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 877 यूनिट था। मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने इस अवधि के दौरान सेगमेंट का नेतृत्व किया, इसके बाद हुंडई मोटर इंडिया और किआ इंडिया क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रही। देश की सबसे बड़ी कार मैनुफेक्चरर कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने समीक्षाधीन अवधि में 1,67,964 पैसेंजर्स व्हीकल का एक्सपोर्ट किया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 59,821 यूनिट के मुकाबले में लगभग तिगुना है। इसके अलावा, कंपनी ने 9 महीने की अवधि के दौरान 1,958 सुपर कैरी (एलसीवी) इकाइयां भेजीं है |
वहीँ वोक्सवैगन इंडिया ने अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 29,796 यूनिट का एक्सपोर्ट किया। तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में, 2020-21 की समान अवधि में 1,36,016 यूनिट के मुकबाल में कुल पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट बढ़कर 1,39,363 यूनिट हो गया। हालांकि, दिसंबर में कुल विदेशी पैसेंजर व्हीकल शिपमेंट घटकर 54,846 यूनिट रहा, जो दिसंबर 2020 में 57,050 यूनिट था।
कुल मिलकर अगर भारतीय मारुति सुजुकी इंडिया के टॉप पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट मार्केट में लैटिन अमेरिका, आसियान, अफ्रीका, मध्य पूर्व और पड़ोसी देश शामिल हैं, जबकि इसके टॉप 5 एक्सपोर्ट मॉडल में बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो और ब्रेजा शामिल हैं।
वहीँ हुंडई मोटर इंडिया का विदेशी डिस्पैच अप्रैल-दिसंबर 2021-22 के दौरान 1,0,059 यूनिट था, जो एक साल पहले की समान अवधि से 35 प्रतिशत अधिक था। इसी तरह, किआ इंडिया ने समीक्षाधीन अवधि में ग्लोबल मार्केट में 34,341 यूनिट का एक्सपोर्ट किया, जबकि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 28,538 यूनिट का एक्सपोर्ट किया था।
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