युवा रायपुर द्वारा आयोजित प्रेरणादायक संगोष्ठी: सफलता की राह में अग्रसर होने का संदेश

युवा रायपुर द्वारा आयोजित प्रेरणादायक संगोष्ठी: सफलता की राह में अग्रसर होने का संदेश

रायपुर। शहर की शैक्षणिक एंव सामाजिक संस्था युवा रायपुर के तत्वावधान में CGPSC, SSC, बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए एक प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ गीतेश अमरोहित ने छात्रों को सफलता के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए महत्वपूर्ण संदेश दिए।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संतुष्टि हमें आगे बढ़ने से रोक देती है। हमें हमेशा आगे बढ़ते रहने का प्रयास करना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी और विश्वविख्यात कवि रविंद्रनाथ टैगोर के उदाहरण प्रस्तुत किए, जिन्होंने जीवन में कभी भी संघर्ष करना नहीं छोड़ा और अपने लक्ष्य की ओर सतत अग्रसर रहे।

जीवन निर्माण में सभी का योगदान

डॉ अमरोहित ने बताया कि हमारे जीवन को आकार देने में केवल माता-पिता ही नहीं, बल्कि वे सभी लोग योगदान देते हैं, जिनसे हम कभी न कभी मिले हैं और जिन्होंने हमें किसी न किसी रूप में प्रेरित किया है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप बताया कि चाहे वह गुरु हो, नाई हो या दूधवाला, हर किसी ने हमारी सफलता में किसी न किसी रूप में योगदान दिया है। यही समग्र सहयोग हमारे राष्ट्रीय चरित्र को मजबूत बनाता है और हम सभी राष्ट्रीय संपत्ति हैं।

संघर्ष ही सफलता की कुंजी

उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि किसी चीज़ को पाना है तो उसके पीछे लगातार मेहनत करनी होती है। बिना संघर्ष और कठिनाइयों के कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने जोशपूर्ण शब्दों में कहा, “न संघर्ष, ना तकलीफ तो क्या मज़ा है जीने में! बड़े-बड़े तूफान थम जाते हैं, जब आग लगी हो सीने में।” उन्होंने अभ्यर्थियों को यह संदेश दिया कि वे अपनी राह में आने वाली कठिनाइयों से घबराए बिना आगे बढ़ते रहें।

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लक्ष्य निर्धारण का महत्व

छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने लक्ष्य निर्धारण की महत्ता को स्पष्ट किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब कुत्ते को डंडा मारा जाता है तो वह केवल डंडे को काटने दौड़ता है, जबकि शेर पर आक्रमण करने पर वह सीधा हमलावर पर हमला करता है। इसी प्रकार, यदि हम सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से पहचानना आवश्यक है और उस पर सीधा केंद्रित रहना चाहिए।

UPSC एवं CGPSC की तैयारी की रणनीति

UPSC और CGPSC जैसी परीक्षाओं को निकालने के लिए सामान्यतः 2-3 वर्षों की कड़ी तैयारी और पूर्व में अर्जित ज्ञान की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि CGPSC में आवेदन करने वाले 100% अभ्यर्थियों में से केवल 20% ही वास्तविक प्रतियोगिता में शामिल होते हैं, जबकि शेष 80% केवल फॉर्म भर देते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को यह भी सलाह दी कि प्लान A के साथ-साथ प्लान B भी तैयार रखना चाहिए। यदि किसी कारणवश प्लान A सफल नहीं हो पाता है, तो प्लान B का सहारा लिया जा सके। यह रणनीति छात्रों को अधिक आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता प्रदान करेगी।

परिस्थितियों से हार न मानें

डॉ गीतेश अमरोहित ने छात्रों को संबोधित करते हुए यह संदेश दिया कि यदि किसी का बैकग्राउंड कमजोर है, तो हार मानने की आवश्यकता नहीं है। हर व्यक्ति को अपनी परिस्थिति से ऊपर उठना होगा और सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों से यह आग्रह किया कि वे निरंतर पढ़ाई करें और बिना रुके आगे बढ़ते रहें।

कार्यक्रम के अंत में युवा के वरिष्ठ सदस्य श्री देवलाल साहू ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी ने छात्रों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार किया और उन्हें अपने सपनों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि डॉ गीतेश अमरोहित के द्वारा आज दी गई सीख निश्चित रूप से छात्रों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होगा।

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