
हिंदुओं का प्रमुख त्योहार नवरात्रि वर्ष में दो बार आता हैं। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की पूजा होती है। हर दिन मां दुर्गा के अलग अलग रुपों को पूजा जाता है, क्योंकि मां के हर अवतार का अपना ही महत्व हैं। हिंदू लोग पूरे 9 दिन व्रत रखते हैं। जो श्रद्धालु पूरे 9 दिन का व्रत रखते हैं वह 9वें दिन यानी आखिरी नवरात्र के आखिरी दिन कुंवारी कन्याओं को कन्या खिला कर व्रत का समापन करते हैं। कल यानी 30 सितंबर को चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन हैं। इस दिन मां दुर्गा को स्कंदमाता के रूप में पूजते हैं। आपको बता दें कि कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। इन्हें पद्मासनादेवी भी कहते हैं। आइए आपको स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए इनकी पूजा की विधि बताते हैं-
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अगर आपको अपने जीवन में सुख शांति चाहिए तो आपको मां के पांचवे अवतार यानी स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। मां स्कंदमाता मोक्ष देने वाली देवी हैं। स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं, इनके एक भुजा पर कमल का पुष्प होता है। वहीं दूसरी तरफ वाली भुजा पर वरमुद्रा हैं। स्कंदमाता कमल में विराजमान रहती हैं। अपने भक्तों की सच्ची भक्ती देख के मां स्कंदमाता काफी जल्दी प्रसन्न होती हैं। ऐसी मान्यता है कि नि:संतान को ये व्रत जरूर करना चाहिए। मां को खुश करने के लिए केले और उससे बनी चीजों का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। अगर आप भी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें केले का भोग जरूर लगाएं। और इस दिन पीला रंग का कपड़ा पहनें।
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पूजा की विधि
नवरात्रि के पांचवें दिन पहले आपको खुद को साफ यानी स्नान करना है फिर पीले रंग के वस्त्र धारण कर लेना हैं। इसके बाद स्कंदमाता का स्मरण करना हैं। इसके बाद स्कंदमाता को धूप,अक्षत्,गंध,पुष्प चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से भगवान कार्तिकेय भी प्रसन्न होते हैं। इसके बाद मां को पान, सुपारी बताशा, लौंग का जोड़ा, किशमिश, कमलगट्टा,इलायची, कपूर, गूगल आदि चढ़ाएं। फिर स्कंदमाता की आरती करें।
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