
रायपुर :- वरिष्ठ आदिवासी नेता और दो बार के सांसद और तीन बार के विधानसभा सदस्य 77 वर्षीय नंद कुमार साय ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। गौरतलब है की एक दिन पहले ही उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दिया था, पर आज राजीव भवन पहुंचकर नंदकुमार साय ने कांग्रेस का दामन थाम लिया |
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, कैबिनेट मंत्री की मौजूदगी में नंदकुमार साय ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ली। नंदकुमार साय के सदस्यता लेने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें मिठाई खिलाई और कांग्रेस में स्वागत किया। नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने से पहले कांग्रेस भवन में मंत्री मोहम्मद अकबर और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय काफी पहले पहुंच चुके थे। इधर अचानक साय के इस्तीफे से बीजेपी में हड़कंप मचा हुआ है।दो बार के लोकसभा सांसद और तीन बार के विधायक साय पूर्व में छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्य प्रदेश दोनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
यह भी पढ़ें ……कांग्रेस ने रोहिंग्या मुसलमानों को बसाकर छत्तीसगढ़ को जेहादी उन्माद की आग में झोंक दिया-सलीम राज (unique24cg.com)
साय को कांग्रेस में ले जाने के लिए कांग्रेस के ही एक स्थानीय नेता ने पृष्ठभूूमि तैयार की है। साय को छत्तीसगढ़ में भाजपा की नींव रखने वाले नेताओं में से एक माना जाता है। पूर्व अध्यक्ष लखीराम अग्रवाल के साथ मिलकर उन्होंने छत्तीसगढ़ में भाजपा का संगठन खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई है। साय छत्तीसगढ़ के प्रथम नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। इसके अलावा 2003 में विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ मरवाही से चुनाव लड़ने की वजह से साय काफी चर्चा में आए थे।
श्री साय अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ भाजपा की राजनीति में उन्हे लंबे समय से उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा था। राज्य गठन के समय जब उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तब भी उनका विरोध होता रहा। बाद में 2003 में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ चुनाव लड़वा कर संकट में झाैंका गया था। हाल के दिनों तक वे प्रदेश भाजपा का नेतृत्व अपने हाथ में लेने की कोशिश करते रहे। लेकिन उनका कोई दांव भाजपा में नहीं चला। आखिरकार उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा।
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए,
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें