वेब-डेस्क :- कुछ लोग बेहद अतरंगी स्वभाव के होते हैं, जिस कारण उनके व्यक्तिगत मूल्य भी अलग होते हैं। ऐसे लोग अजनबियों से मिलने-जुलने और नेटवर्किंग बनाने से बचते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे शर्मीलापन, आत्मविश्वास की कमी, मदद मांगने में असहज महसूस करना आदि। हालांकि, जब बात पेशेवर विकास की आती है, तो व्यक्तिगत से ज्यादा पेशेवर मूल्य काम आते हैं, जिसके लिए नेटवर्किंग बेहद जरूरी है।
नेटवर्किंग से न सिर्फ करियर को सही दिशा देने में मदद मिलती है, बल्कि बुरे वक्त में भी यही आपको बेहतर अवसर तलाशने का रास्ता सुझाती है। अगर अभी तक आपने नेटवर्किंग की अहमियत नहीं समझी है, तो यह आपके लिए किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है।
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नेटवर्किंग के कारगर नुस्खे
एक तगड़ी नेटवर्किंग बनाने के लिए आप तीन तरीके अपना सकते हैं। सबसे पहले, क्लब, खेल टीमों, काम से जुड़े कार्यक्रमों और पेशेवर समूहों में शामिल होकर नेटवर्किंग के अवसर तलाशें, फिर उन्हें मजबूत बनाएं। दूसरा, खुद का एक आकर्षक आत्म-परिचय (एलिवेटर पिच) तैयार करें, जिससे आपके बारे में कुछ अनोखा पता चल सके और इसे बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अभ्यास करें। तीसरा, आप जिससे मिलने जा रहे हैं, पहले उसके बारे में शोध कर लें और योजना बनाएं कि उनसे कैसे मिलना है और किन मुद्दों पर बात करनी है। अंत में, सोशल मीडिया का प्रभावी ढंग से उपयोग करें। लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म मजबूत पेशेवर नेटवर्क बनाने और उसे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
आत्मविश्वास से लबरेज रहें
अधिक से अधिक लोगों से मिलने और अपनी मजबूत छाप छोड़ने की कोशिश करें। मुस्कुराएं, आत्मविश्वास से भरे रहें और किसी से बातचीत करते समय गंभीर रहें। जिस इन्सान की पसंद आपकी रुचियों से मेल खाती हो, उनसे बेझिझक सवाल पूछे। अगर दूसरा व्यक्ति इसमें सहज है, तो आप व्यक्तिगत शौक के बारे में भी बातचीत कर सकते हैं। हमेशा इस बारे में सोचें कि आप अपने कौशल या संपों से दूसरों की कैसे मदद कर सकते हैं। ई-मेल, कॉफी या लंच के बहाने व्यक्तिगत रूप से ऐसे लोगों से मिलने का प्रयास करें।
मिथकों पर ध्यान न दें
नेटवर्किंग से जुड़े चार आम मिथक हैं। सबसे पहला, कुछ लोग सोचते हैं कि नेटवर्किंग का गुण पैदाइशी होता है, लेकिन नेटवर्किंग क्षमताओं को निखारने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। दूसरा, नेटवर्किंग का मतलब अपने काम के लिए दूसरों का इस्तेमाल करना है, लेकिन एक अच्छी नेटवर्किंग वाले लोग मदद लेने और करने, दोनों को बराबर अहमियत देते हैं। तीसरा मिथक है कि ऐसे लोग अपने संपकों को गुप्त रखते हैं, लेकिन अच्छी नेटवर्किंग वाले पेशेवर दूसरों को जोड़ने और उनके नेटवर्क को बढ़ाने में भी काफी मददगार होते हैं। चौथा है, सफल नेटवर्किंग वाले हर समय लोगों से जुड़े रहते हैं, पर वास्तव में वे सही समय पर सही लोगों के साथ संपर्क साधते हैं।
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