सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों को सुनिश्चित करने के लिए लागू नये नियम

सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों को सुनिश्चित करने के लिए लागू नये नियम

वेब-डेस्क :- सरकार ने एलान किया है कि देशभर में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन को सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक रडार उपकरणों के अनिवार्य सत्यापन और स्टैम्पिंग से जुड़े नए नियम 1 जुलाई 2025 से लागू किए जाएंगे। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ये नियम भारतीय विधिक माप विज्ञान संस्थान, क्षेत्रीय रेफरेंस प्रयोगशालाओं, उपकरण निर्माताओं और वाहन प्रमाणन संगठनों जैसे विभिन्न हितधारकों से सलाह-मशविरा करने के बाद अधिसूचित किए हैं।

मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अपने बयान में कहा कि “ये नियम 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगे ताकि उद्योगों और प्रवर्तन एजेंसियों को इन प्रावधानों के पालन के लिए पर्याप्त समय मिल सके।”

सुरक्षा से जुड़ी बारीकियां तय
ये नए नियम ‘विधिक माप विज्ञान (सामान्य) नियम, 2011’ के तहत लाए गए हैं और खासतौर पर उन ‘माइक्रोवेव डॉप्लर रडार उपकरणों’ पर लागू होंगे, जिनका इस्तेमाल सड़कों पर वाहनों की रफ्तार नापने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।
नियमों में तकनीकी और सुरक्षा से जुड़ी बेहद बारीकियां तय की गई हैं। इनमें यह सुनिश्चित किया गया है कि उपकरणों की कैलिब्रेशन (माप सटीकता), अलग-अलग पर्यावरणीय परिस्थितियों में स्थिर संचालन और छेड़छाड़ से सुरक्षा पुख्ता हो। इन कदमों से तकनीकी विश्वसनीयता और कानूनी जवाबदेही की मजबूत संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

गति और दूरी का माप सटीक
नए नियमों के तहत अब हर स्पीड मापन उपकरण को उपयोग में लाने से पहले अनिवार्य तौर पर सत्यापन (वेरिफिकेशन) और सरकारी स्टैम्पिंग करानी होगी। इसका मकसद यह है कि वाहन की गति और दूरी के माप बिल्कुल सटीक हों ताकि ट्रैफिक कानूनों का निष्पक्ष तरीके से पालन हो सके।

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आम जनता को फायदा 
साधारण नागरिकों के लिए इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब गति मापन उपकरणों के सटीक सत्यापन के बाद ही चालान किए जाएंगे। इससे गलत तरीके से कटने वाले चालानों की गुंजाइश बहुत कम हो जाएगी और सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी।

उद्योगों के लिए नए अवसर
जो उद्योग रडार आधारित गति मापन उपकरण बनाते हैं, उनके लिए अब एक स्पष्ट तकनीकी और नियामकीय ढांचा तैयार हो गया है, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। इससे उत्पादों की गुणवत्ता और भरोसेमंदता बढ़ेगी।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए मजबूत सहारा
पुलिस और ट्रैफिक विभाग जैसी एजेंसियों के लिए सत्यापित और स्टैम्प किए हुए उपकरणों का इस्तेमाल उनके काम को और ज्यादा प्रभावी और विश्वसनीय बनाएगा। इससे न्यायसंगत कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी।

डेटा-आधारित गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम
यह पहल ट्रैफिक मैनेजमेंट में डेटा-आधारित गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सड़क हादसों में कमी आएगी, राजमार्गों पर अनुशासन बढ़ेगा और सड़क दुर्घटनाओं, वाहन क्षति और इंफ्रास्ट्रक्चर के नुकसान से जुड़ी सामाजिक और आर्थिक लागतों को भी काफी हद तक घटाया जा सकेगा। यह आखिरकार सतत आर्थिक विकास में सहयोग करेगा।

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