नेशनल डेस्क। राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों से जल्द ही राहत मिलने वाली है। दरअसल केंद्र सरकार सालाना पास सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है, जिससे यात्रियों को बार-बार टोल भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी और बताया कि इस व्यवस्था से यात्रियों का समय बचेगा और ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर हमले सैटलाइट आधारित बैरियर फ्री टोल व्यवस्था लागू करना शुरू किया है। अभी यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू है। यदि यह योजना कामयाब रही तो इसे भविष्य में विस्तार देने पर बात होगी।
टोल फीस में पूरी पारदर्शिता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी घरौंदा, चोरयासी, नेमिली और द्वारका एक्सप्रेसवे पर अडवांस टोल व्यवस्था लागू हुई है। यहां पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन लागू है। इससे लोगों को बिना रुके ही टोल से निकलने की सुविधा मिल रही है और फीस भी कट पा रही है। उन्होंने कहा कि हाईवेज पर जो टोल फीस ली जाती है, उसकी जानकारी प्लाजा पर विस्तार से दी गई है। इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी यूजर फीस की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि फीस में इजाफा होता है या अन्य कोई बदलाव किया जाता है तो उसके बारे में अखबारों तक में प्रकाशन के जरिए जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि टोल फीस की व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी है।
20 हजार किलोमीटर का रूट ATMS के तहत कवर
नितिन गडकररी ने कहा कि देश के कुल 325 नेशनल हाईवेज पर हमने अडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इनके तहत कुल 20 हजार किलोमीटर का रूट कवर होता है। उन्होंने कहा कि 4 या फिर उससे ज्यादा लेन वाले सभी नेशनल हाईवेज को ATMS के तहत कवर करने के प्रयास हो रहे हैं। यह सवाल सांसद राजकुमार चाहर ने पूछा था, जिसके जवाब में नितिन गडकरी ने पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल सैटलाइट आधारित टोल व्यवस्था की ओर बढ़ने की कोशिश है, लेकिन उसमें समय लगेगा। इसकी वजह यह है कि इसके लिए अतिरिक्त सैटेलाइट की जरूरत होगी। उसके बिना वाहनों की वास्तविक पोजिशनिंग कर पाना मुश्किल होगा। ऐसे में उस प्रोजेक्ट पर फिलहाल विचार चल रहा है।
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