नकली आलू बेंचकर छाप रहे पैसा, दुकान में खड़े-खड़े 1 सेकंड में जानें असली है या नकली, यहां जाने नकली आलू की 3 पहचान

नकली आलू बेंचकर छाप रहे पैसा, दुकान में खड़े-खड़े 1 सेकंड में जानें असली है या नकली, यहां जाने नकली आलू की 3 पहचान

नकली आलू बेंचकर छाप रहे पैसा, दुकान में खड़े-खड़े 1 सेकंड में जानें असली है या नकली, यहां जाने नकली आलू की 3 पहचान

बाजार में इस समय नकली आलू बिक रहे हैं। जो सेहत के लिए भी नुकसानदायक है और उन्हें खरीदने पर आपके पैसे पानी में जा रहे हैं। तो चलिए इसलिए आपको बताते हैं की असली और नकली आलू की पहचान कैसे करें-

बाजार में पहुंचा नकली आलू

आलू एक ऐसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है। करीब हर सब्जी में लोग आलू डालकर खा लेते हैं। इसीलिए आलू की डिमांड बहुत ज्यादा रहती है लेकिन आपको बता दे की बाजार में इस समय नकली आलू भी आ गया है। कुछ दुकानदार नकली आलू बेचकर पैसे कमा रहे हैं। लेकिन यह आलू सेहत के लिए नुकसानदायक है और इसे खरीद कर पैसे भी बर्बाद कर रहे हैं। इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुछ ही सेकंड में कैसे दुकान पर खड़े-खड़े पता कर सकते हैं कि वह आलू अच्छा है या बेकार, नकली है या असली तो चलिए जानते हैं नकली और असली आलू की तीन पहचान।

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नकली और असली आलू पहचानने के 3 तरीके

नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार ग्राहक असली और नकली आलू की पहचान कर सकते हैं-

  • नकली आलू और असली आलू की पहचान करने का एक तरीका है उसे सूंघना। जी हां नकली आलू की गंध केमिकल वाली होती है। जबकि असली आलू के प्राकृतिक होती है। दो आलू की सुगंध से भी उसे पहचाना जा सकता है। लेकिन यह तरीका थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हर आलू तो ग्राहक सूंघ कर नहीं ले सकता तो चलिए दूसरा तरीका जानते हैं।
  • दूसरे तरीके की बात करें तो यह थोड़ा आसान तरीका है। जिसमें क्या करना है कि आलू को पानी में डालना है अगर आलू डूब जाता है तो वह असली है लेकिन तैर रहा है तो वह नकली है। जी हां ज्यादातर नकली आलू पानी में डालने से तैरने लगते हैं। यह तरीका ग्राहक दूकान पर खड़े-खड़े भी अपना सकते हैं।
  • आज के आखिरी तरीके की बात करें तो असली और नकली आलू की पहचान उसे काटकर भी की जा सकती है। आलू आप काट कर देखेंगे तो जिस आलू के अंदर और बाहर का रंग एक जैसा होगा वह असली आलू होता है। लेकिन जिस आलू के अंदर और बाहर का रंग अलग-अलग होता है तो वह नकली आलू होता है और उसमें केमिकल का इस्तेमाल हुआ रहता है। जबकि बिना केमिकल वाला असली आलू अंदर और बाहर से एक जैसा दिखता है।

इस तरह ग्राहकों को असली और नकली आलुओं की पहचान होनी चाहिए। ताकि वह अपनी सेहत और अपना पैसा दोनों बचा सके।

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