मुंबई नाव हादसे के बाद रेस्क्यू अभी भी जारी, कितने लोग अब भी लापता? पढ़ें पूरी जानकारी
Mumbai Boat Accident: मुंबई में कल यानी बुधवार को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही नीलकमल फेरी के डूबने से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, दुखद बात यह है कि आंकड़ा बढ़ भी सकता है ,रेस्क्यू टीम ने 100 से ज्यादा लोगों को बचाया, 2 लोग अब भी लापता हैं.
24 घंटे बीत चुके है अब भी इनकी तलाश जारी है.
इस हादसे को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं जैसे, क्यों 80 लोगों की क्षमता वाली इस नाव में करीब 110 लोग सवार थे और कैसे नेवी की बोट ट्रेनिंग के लिए यहां आई उसकी रफ्तार इतनी तेज जो कंट्रोल क्यों नहीं हो पाई? इन सवालों के जवाब अब तक नहीं मिल पाए हैं.
काल बनी नीलकमल
मुंबई का शांत दिखने वाला समुद्र कल कई लोगों के काल का कारण बन गया, दोपहर तीन बजकर 15 मिनट पर 105 लोगों को लेकर एलिफेंटा की सैर कराने निकली, जो कि एक द्वीप है और अपनी ऐतिहासिक नक्काशी के लिए जाना जाता है. लेकिन इन लोगों में से कुछ को क्या पता था कि जिस तमन्ना के साथ वो घूमने निकले है कभी लौटेंगे ही नहीं.
नाव जैसे ही करंज के पास पहुंची, देखते ही देखते तीन बजकर 55 मिनट पर नेवी की ट्रेनिंग स्पीड बोट स्टंट करते हुए सामने से आई और नीलकमल को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि बोट में छेद हो गया और पानी भरने लगे और फेरी समुद्र में समा गई. बोट डूबने से जान गंवाने वालों में कई परिवार शामिल है.
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एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत
नासिक जिले के पिंपलगांव के अहेर दंपति के साथ एक बच्चे की मौत हो गई, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. पिंपलगांव के राकेश नाना अहेर दो दिन पहले इलाज के लिए अपनी पत्नी और बेटे के साथ मुंबई गए थे. अस्थमा के इलाज के लिए, शाम को मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास लें यात्री नाव से समुद्री सफारी का आनंद लेने गए थे लेकिन नौसेना की स्पीड बोट के साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में अहेर परिवार के तीन सदस्यों की जान चली गई.
इस हादसे में बाल बाल बचे चश्मदीद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, “मेरे भाई जिनके नाम हंसराम भाटी है वह परिवार के अन्य चार लोगों के साथ इस बोर्ड पर सवार थे घूमने जा रहे थे. चार लोगों को तो रेस्क्यू कर लिया गया लेकिन भाई हंसराम कहां हैं इस बात की जानकारी किसी को नहीं है. पुलिस ने भी किसी के पास भी उनकी लिस्ट में मेरे भाई का नाम नहीं है.”
जो वहां आई विटनेस थे उन्होंने कहा कि हंस राम ने लाइफ सेविंग जैकेट भी पहनी हुई थी और शायद वह किसी बोर्ड पर चढ़ भी गए थे लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल रहा है. हंसराम इमिटेशन ज्वेलरी का काम करते थे. मुंबई के ही रहने वाले हैं और कल घूमने के लिए गए थे. भाई की फोटो लेकर अब जोगाराम भाटी पुलिस के पास नेवी के पास जा रहे हैं.
चश्मदीद ने क्या बताय?
दूसरे चश्मदीद देवानंद वघचौरे ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत की और बताया कि उनके बेहद करीबी दोस्त दीपचंद वाघचौरे हैं जो कि स्टेट एजेंट का काम करते थे. उनकी इस हादसे में मौत हो गई दीपचंद के परिवार का कहना था कि उनका फोन नहीं लग रहा है. जिसके बाद हमने उनकी तलाश करनी शुरू की. न्यूज पर लगातार बोट एक्सीडेंट की बात दिखाई जा रही थी जिसके बाद हमने एक अंदाजा लगाया कि चलो वहां पर भी ढूंढ कर आते हैं, हम कोलाबा पुलिस स्टेशन आए यहां पर भी उनके बारे में पूछताछ की लेकिन उनका नाम कहीं भी नहीं था.
रेस्क्यू किए गए लोगों की लिस्ट में और जिन लोगों की मौत हुई उनकी लिस्ट में भी कहीं उनके नाम का जिक्र नहीं था कुछ समय इंतजार किया इसके बाद एक खबर मिली कि मुंबई के जेजे अस्पताल में एक ऐसा शव है जिसकी पहचान नहीं हुई है. हम इसे पता लगाने के लिए वहां पर गए पता चला कि उस शव का पोस्टमार्टम चल रहा था.
पोस्टमार्टम खत्म होने के बाद जब हमें शव दिखाया गया तब हम हैरान हो गए हम टूट गए. क्योंकि वही मेरा दोस्त दीपचंद था दीपचंद के घर में एक बेटी है एक बेटा है पत्नी है और यह परिवार फाइनेंशली स्ट्रांग नहीं है सरकार से मांग है कि 5 लाख से परिवार नहीं चल पाएगा बच्चों का भविष्य सुधर नहीं पाएगा ऐसे में सरकारी गलती के चलते यह एक्सीडेंट हुआ है इस वजह से बच्चों को सरकार की तरफ से नौकरी देनी चाहिए ताकि वह अपना भविष्य सुरक्षित रख सकें. दीपचंद वागचौर, इस्टेट एजेंट का काम करते थे.
इन धाराओं में केस दर्ज
फिलहाल इस मामले में मुंबई पुलिस ने दर्ज की गई है. एफआईआर, 283/24 u/s 106(1), 125 (a) (b), 282, 324 (3)(5) न्याय सहित के तहत केस दर्ज करवाया गया है. जिसमें नेवी का स्पीड बोट चलाने वाले ड्राइवर को भी आरोपी बनाया गया है. इस मामले में डीसीपी प्रवीण मुंडे, पुलिस उपायुक्त ने बताया कि नीलकमल नाव को कल कोलाबा में नौसेना की एक नाव ने टक्कर मार दी थी.
इस मामले में कोलाबा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. अभी तक इस घटना में 2 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है. सर्च ऑपरेशन जारी है.नौसेना चालक के खिलाफ कथित तौर पर तेज गति से नाव चलाने का मामला दर्ज किया गया है. 13 लोगों की मौत हो गई है और मृतकों की पहचान की पुष्टि हो गई है. आगे की जांच जारी है.
इन लोगों की गई जान
1) महेंद्रसिंग शेखावत ( नेव्ही)
2) प्रवीण शर्मा (NAD बोट वरील कामगार)
3) मंगेश(NAD बोट वरील कामगार)
4) मोहम्मद रेहान कुरेशी (प्रवासी बोट)
5) राकेश नानाजी अहिरे( प्रवासी बोट)
6) साफियाना पठान मयत महिला
7) माही पावरा मयत मुलगी
8) अक्षता राकेश अहिरे
9) पहचान नहीं महिला
10) पहचान नहीं महिला
11) मिथु राकेश
12) दिपक व्ही.
13) अज्ञात पुरुष
नौसेना ने 11 बोट, 4 हेलिकॉप्टर ने किया रेस्क्यू
जानकारी के मुताबिक, नौसेना, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT), तटरक्षक बल, यलोगेट पुलिस स्टेशन 3 और स्थानीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं की मदद से राहत और बचाव कार्य को अंजाम दिया गया.
रेस्क्यू ऑपरेशन में नौसेना की 11 बोट, मरीन पुलिस की 3 बोट और कोस्ट गार्ड की 1 बोट लगी. चार हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे. यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया वापस लाया गया. जहां से उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया. जिन्हें तुरंत इलाज के लिए पास के नेवी अस्पतालों के भर्ती करवाया गया, मामूली चोट लगे यात्रियों को मुंबई के सेंट जॉर्ज और जेजे में इलाज के लिए भेजा गया था .
दो लोग अभी भी लापता
इतना ही नहीं अब तक 2 लोग अभी भी लापता हैं, जिनको ढूंढने की कवायद जारी है. जिसमें एक छोटा बच्चा और एक पुरुष शामिल हैं. मुंबई पुलिस की मरीन टीम और कोस्टल टीम लगातार पूरे एरिया में सर्च ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं.
बोट पर नहीं था ट्रेंड ऑफिसर
इस पूरे मामले में नेवी पर जिम्मेदारी मढ़ी जा रही है, लेकिन नेवी की तरफ से आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा गया कि, इंजन ट्रायल के दौरान कंट्रोल खो जाने के चलते नीलकमल को जोरदार टक्कर लगी और हादसा हुआ है. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर नेवी की बोट ट्रेनिंग इस तरह के पब्लिक बोट पार्किंग में क्यों हो रही थी और क्या कोई भी परीक्षित ट्रेनिंग अधिकारी बोट पर मौजूद क्यों नहीं था?
लाइफ जैकेट अनिवार्य
हालांकि इस पूरी घटना के बाद अब गेट वे ऑफ इंडिया पर से जा रही है फेरी की तस्वीर बदली है. दुर्घटना के बाद अब सभी फेरिया बाकायदा कतार लगाकर और लाइफ जैकेट अनिवार्य तौर पर पहनाकर ही यात्रा करवा रही है. लेकिन इस पूरी दुर्घटना में गलती नेवी के स्पीड बोट की तरफ नीलकमल बोट के कर्मियों की भी है जिन्होंने बोट की क्षमता से ज्यादा यात्री बिठाए थे जिन्हें वक्त आने पर लाइफ जैकेट भी नहीं मिल रहा था.
पीएम और सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
मृतकों के परिवार को प्रधानमंत्री की तरफ से 2 लाख और सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पांच लाख रुपये देने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता देगी. उन्होंने ने भी घोषणा की कि जान गंवाने वालों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी.
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