वेब-डेस्क :- कुछ दशकों पहले तक माना जाता था कि उम्र बढ़ने के साथ बालों के सफेद होने या झड़ने की दिक्कत बढ़ जाती है। 50 की उम्र के बाद गंजेपन का खतरा अधिक होता है, हालांकि ये अब बीती हुई बातें होकर रह गई हैं। आज के समय में 20 से भी कम उम्र के लोग बालों से संबंधित समस्याओं से परेशान देखे जा रहे हैं। 20-30 की उम्र वाले लोगों के न सिर्फ तेजी से बाल झड़ रहे हैं, इनमें गंजेपन की दिक्कत भी बढ़ गई है।
क्या आप भी इस तरह की समस्या के शिकार हैं? झड़ते बालों और गंजेपन ने आत्मविश्वास कमजोर कर दिया है? अगर हां तो अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, वैज्ञानिकों की एक टीम ने बाल झड़ने से रोकने का ‘चमत्कारी तरीका’ खोज लिया है।
दावा किया जा रहा है कि इससे न सिर्फ बालों को गिरने से रोका जा सकता है साथ ही नए बालों को उगाना भी आसान हो सकता है।
भारतीय पुरुषों में बढ़ती बालों की समस्या
लाइफस्टाइल, खान-पान और पर्यावरण जैसी कई समस्याओं ने बालों से संबंधित दिक्कतों को काफी बढ़ा दिया है। भारतीय पुरुष भी इससे काफी प्रभावित देखे जा रहे हैं।
एक डेटा के अनुसार भारत में 25 से कम आयु के लगभग 50.31% पुरुष बाल झड़ने या गंजेपन की समस्या से परेशान हैं, 21 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में ये आंकड़ा 25.89% है। बालों के इलाज या फिर इसे दोबारा उगाने के लिए किए जाने वाले उपायों पर अकेले भारत में हर साल 2500 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हो रहा है।
वैज्ञानिकों की एक टीम बालों की इन समस्याओं का स्थायी इलाज ढूंढने की दिशा में काम कर रही है जिन्हें शुरुआती स्तर पर सफलता मिलने की खबर है।
चूहों पर अध्ययन में दिखे बेहतर परिणाम
सिंगापुर में ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल और ऑस्ट्रेलिया में वाल्टर और एलिजा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक टीम के नेतृत्व में ये अध्ययन किया गया। इसमें वैज्ञानिकों ने एमसीएल-1 नामक प्रोटीन का पता लगाया है, जिसकी बालों के विकास और हेयर फॉलिकल (रोम) को सुरक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
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अगर इस प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ा दिया जाए तो न सिर्फ बालों को मजबूत किया जा सकता है, बल्कि इससे गंजेपन के जोखिमों को कम करने में भी मदद मिल सकती है। चूहों पर किए गए अध्ययन में अच्छे परिणाम देखे गए हैं। अध्ययन को नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
बालों के विकास में प्रोटीन की भूमिका
इस प्रोटीन की बालों के विकास में क्या भूमिका हो सकती है, इसे समझने के लिए टीम ने चूहों में 90 दिनों के लिए इस प्रोटीन को ब्लॉक कर दिया, प्रोटीन ब्लॉक होने के बाद चूहों के बाल तेजी से झड़ने लगे। इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि ये प्रोटीन बालों के विकास के लिए जरूरी है। यह हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स को एक्टिव करने में मदद करता है।
एमसीएल-1 प्रोटीन फॉलिकल स्टेम सेल्स को डैमेज होने से भी बचाता है। अगर इस प्रोटीन को बढ़ावा देने के उपाय किए जाएं या इसके लिए कोई दवा विकसित कर ली जाए तो इससे बालों का दोबारा उगना आसान होता है।चूहों के बाद अब इंसानों पर इसका परीक्षण किया जाना है।
दूर होगी बालों की दिक्कत
शोधकर्ताओं ने अध्ययन की रिपोर्ट में लिखा, यह पहले से ही ज्ञात था कि एमसीएल-1 कई अलग-अलग प्रकार के ऊतकों को डेड होने से बचाने में मददगार है। जब बालों की बात आती है, तो एमसीएल-1हेयर फॉलिकल को भी क्षतिग्रस्त होने से बचा सकता है।
इंसानों पर अगर ये परीक्षण सफल रहता है तो ये बालों की बढ़ती समस्या के इलाज में काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। एमसीएल-1 प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाना देने वाली दवाओं या अन्य माध्यम से बालों का इलाज करना और गंजेपन को कम करना आसान हो सकता है।
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