नेशनल डेस्क। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर आखिरकार 9 महीने की देरी के बाद आज मंगलवार 18 मार्च को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर लौटने के लिए तैयार हैं।
बता दें यह मिशन पिछले साल 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए शुरू हुआ था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते उनकी वापसी लगातार टलती रही। अब वे स्पेसX के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए पृथ्वी पर लौटेंगे। इस मिशन में उनके साथ निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी ISS से वापसी कर रहे हैं।
ISS पर लंबा इंतजार
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का यह मिशन केवल कुछ महीनों का होना था, लेकिन स्टारलाइनर कैप्सूल में आई तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें 9 महीने तक अंतरिक्ष में रुकना पड़ा। अब जब उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है, तो उनके स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं।
क्यों हुआ मिशन में इतना विलंब?
जानें बोइंग स्टारलाइनर के प्रोपल्शन सिस्टम में आई गड़बड़ियों और हीलियम लीक की समस्याओं के चलते उनका वापसी मिशन बार-बार टलता रहा। आखिरकार, नासा ने स्पेसX के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए उनकी वापसी का फैसला किया।
जानिए से होगी वापसी?
- अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना होंगे।
- पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद कैप्सूल की गति नियंत्रित की जाएगी ताकि सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित हो।
- फ्लोरिडा के तट के पास अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन होगा, जहां रिकवरी टीम उनकी मदद के लिए तैयार रहेगी।
- यह प्रक्रिया कुल मिलाकर 17 घंटे तक चल सकती है।
वहीं, सुनीता विलियम्स के धरती पर वापसी की खबर से उनके परिवार और गांव में जश्न का माहौल है। सभी बेसब्री से उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं। सुनीता विलियम्स के बड़े भाई दीपक रावल ने उनकी वापसी पर खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया, “हम सभी बहुत चिंतित थे, लेकिन सुनीता बेहद साहसी हैं। 9 महीने से अंतरिक्ष में रहना आसान नहीं है, लेकिन उसने हिम्मत दिखाई।” परिवार के अन्य सदस्यों का भी कहना है कि वे लगातार सुनीता की सलामती की प्रार्थना कर रहे थे और अब उनकी वापसी से सभी को राहत मिली है।
बचपन से ही निडर थीं सुनीता विलियम्स
बचपन की यादें साझा करते हुए उनके भाई ने बताया कि सुनीता बचपन से ही बहादुर थीं। उन्होंने कहा, “हमें याद है कि जब उसे ऊंट पर बिठाया गया, तो वह बिल्कुल नहीं घबराई। बल्कि, वह ऊंट से उतरने का नाम ही नहीं ले रही थी।” उनके भाई ने बताया कि सुनीता ने हमेशा अपने गांव को गर्व महसूस करवाया है।
उदयपुर की घटना और सुनीता का मजबूत संदेश
एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब सुनीता भारतीय सेना के लश्कर में सेवा दे रही थीं, तब वह कुछ समय के लिए भारत आई थीं। उस दौरान वह उदयपुर घूमने गईं और रात में होटल से बाहर निकल गईं। जब उनके भाई ने इस पर चिंता जताई, तो सुनीता ने जवाब दिया, “मैं लश्कर में काम करती हूं, मुझे किसी चीज से डर नहीं लगता। अगर पुरुष बाहर जा सकते हैं, तो महिलाएं क्यों नहीं?”
बता दें कि NASA और SpaceX के मुताबिक, Crew-9 मिशन के तहत सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री जस्मिन बुच मंगलवार, 18 मार्च को धरती पर लौटेंगे। उनकी वापसी का सीधा प्रसारण किया जाएगा। वार बल्कि पूरे भारत को गर्व महसूस करवाया है। अब सभी उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं।