
मुंबई :- लंबे समय से अस्वस्थ चल रही स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने आखिरकर 92 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कर ही दिया । उनका देहांत मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ।
इस खबर को सुनकर बॉलीवुड में मातम से छा गया है। वही अब उनके निधन के बाद उनके अंतिम सफर के बारे में जान लेते है। लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर को 12 से 3 बजे तक प्रभुकुंज के लिए पेडर रोड स्थित उनके घर पर रखा जाएगा। शाम 4.30 बजे उन्हें शिवाजी पार्क में शिफ्ट किया जाएगा। आज शाम तक़रीबन 6.30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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राजकीय शोक का ऐलान
केंद्र सरकार ने लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा है ,और इस बात का ऐलान किया गया है कि लता मंगेशकर को सम्मान देने के लिए यह राष्ट्रीय शोक रखा जाएगा। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार आज शिवाजी पार्क में होगा।

प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
निधन की खबर सुनकर एक तरफ जहा बॉलीवुड और फ़िल्मी हस्तिया गम में है वही राजनितिक जगत के लोग भी उनकी निधन पर काफी दुखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्ववीट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा ”’दयालु और सबका ध्यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई हैं। वह हमारे देश में ऐसी शून्यता छोड़ गई हैं जो कभी भर नहीं सकेगी।’
जानिये उनकी जीवन यात्रा
28 सितंबर, 1929 को इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर का करियर 13 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था । तब उनके संगीतकार पिता की असमय मौत हो गई थी और मां के साथ चार छोटे भाई बहनों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। पिता से विरासत में में मिला संगीत और उनकी सुरीली आवाज उनकी पहचान बन गई। पांच साल बाद ही उन्होंने फिल्मों में गाना शुरू कर दिया, फिल्म महल के गीत आएगा आने वाला ने उनकी आवाज को भारत के घर घर तक पहुंचा दिया।

हिंदी फिल्म जगत में प्लेबैक सिंगिंग को जो ऊंचाई उनकी आवाज ने दी है उसकी दूसरी कोई मिसाल नहीं है। हालांकि उन्हें महज प्लेबैक सिंगर कहना उनके कद को छोटा करना होगा, उन्होंने एक हजार से ज्यादा फिल्मों के लिए गाने गाए हैं और बीते सात दशकों में शायद ही कोई बड़ा संगीतकार होगा जिसने उनके साथ काम करने की इच्छा ना रखी हो।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कहा जाता है कि डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से लता मंगेशकर प्यार करती थी। लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह एक-दूसरे के बेस्ट फ्रेंड थे। दोनों एक साथ क्रिकेट खेला करते थे। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई, दोनों की दोस्ती हुई और धीर-धीरे वो करीब आ गए।

लता एक आम परिवार से थी वहीं डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज बड़े घराने से थे, ऐसे में ये शादी मुश्किल थी। राज ने अपनी पूरी जिंदगी कभी किसी और से शादी नहीं की। वहीं, लता ने भी हमेशा ये कहकर लोगों को मुंह बंद करा दिया की वो घर की जिम्मेदारियों की वजह से शादी नहीं कर पाई।
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