पति को छोड़ जिस प्रेमी के साथ रहने गई महिला, उसी ने मां-बेटे का किया था कत्ल

पति को छोड़ जिस प्रेमी के साथ रहने गई महिला, उसी ने मां-बेटे का किया था कत्ल

पति को छोड़ जिस प्रेमी के साथ रहने गई महिला, उसी ने मां-बेटे का किया था कत्ल

हरियाणा के जींद के सफीदों में वार्ड नंबर दो में बंद पड़े किराये के मकान में बीते दिनों मिले मां-बेटे के कंकाल मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। महिला की हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई थी।

महिला अपने पति को छोड़कर प्रेमी के साथ रहने की जिद पर अड़ी थी। इससे नाराज प्रेमी ने ही अपनी पत्नी और बुआ के बेटे के साथ मिलकर मां-बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी थी। वहीं, दूसरे बेटे को पंजाब के मोहाली में अधमरा कर जंगल में छोड़ दिया था।

डीएसपी उमेद सिंह ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि वार्ड नंबर दो में एक बंद पड़े मकान में मिले कंकाल की शिनाख्त झज्जर जिले के गांव भागलपुर निवासी 25 वर्षीय कोमल और उसके पांच वर्षीय बेटे आरव के रूप में हुई। महिला के पति मनीष ने बताया कि 14 अगस्त को उसकी पत्नी कोमल, बेटा अरनव और आरव लापता हो गए थे।

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21 अगस्त को उसने बेरी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 11 सितंबर को उसका बेटा अरनव पंजाब के मोहाली जिले के बगौंली के सुनसान जंगलों में घायल हालत में मिला था। उसका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चला रहा है। मनीष को कंकाल के कपड़े दिखाए तो उसने दोनों की शिनाख्त कर ली थी।

मनीष ने पत्नी व बेटे की हत्या का शक अपने रिश्तेदार रोहतक के सूर्या नगर निवासी अजय पर जाहिर किया था। पुलिस ने अजय और उसकी पत्नी प्रियंका उर्फ पिंकी को गिरफ्तार करके पूछताछ की तो दोनों ने हत्या का राज उगल दिया। दोनों आरोपियों की शिनाख्त पर आरोपी अजय की बुआ के लड़के विनोद उर्फ केडी सिरोही निवासी डिडवाड़ा, सफीदों को भी गिरफ्तार किया गया है।

महिला को भेजा जेल, अजय रिमांड पर
डीएसपी उमेद सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी को अदालत में पेश किया। यहां से मुख्य आरोपी अजय को चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जबकि महिला पिंकी को जेल भेज दिया गया। तीसरे आरोपी गांव डिडवाड़ा निवासी केडी सिरोही को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। केडी सिरोही को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर ने खोला मां-बेटा हत्याकांड
मां-बेटे को रास्ते से हटाने के लिए अजय ने बहुत ही शातिर प्लान बनाया था। किराये का मकान लिया था, उसमें गलत नाम और पता भी बताया था। लेकिन, 500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराने की एक चूक से हत्याकांड से पर्दा उठ गया, और सभी हत्यारे सलाखों के पीछे पहुंच गए।

वार्ड नंबर दो सरला कॉलेज स्थित दीपक का मकान किराये पर लेते वक्त मकान मालिक के चचेरे भाई सुनील उर्फ मोनू को अजय ने अपना नाम मनदीप बताया था। कहा था वह रोहतक का रहने वाला है, और टाइल पत्थर लगाने का काम करता है। उस पर भरोसा करके मोनू ने मकान रहने को दे दिया था।

तब आरोपी अजय ने कहा था कि वह दो दिन बाद रोहतक जाकर अपनी आईडी लाकर उन्हें दे देगा। अजय ने घर जाने के लिए मोनू से 500 रुपये उधार मांगे थे। मोनू ने अपने भाई के मोबाइल फोन से अजय के बताए नंबर पर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए थे।

इधर, 33 दिन बाद मकान में मां-बेटे के कंकाल मिलने पर पुलिस ने मामले की बारीकी से छानबीन की। इस दौरान मोनू ने 500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराने की जानकारी दी। पुलिस ने पड़ताल की तो यह नंबर गांव भागलपुर, बेरी झज्जर निवासी कोमल के पति मनीष का निकला। पुलिस ने मनीष से पूछताछ की तो उसने पत्नी के गुमशुदा होने और रोहतक निवासी अजय से संबंध होने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने अजय और उसकी पत्नी पिंकी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्याकांड का खुलासा हो गया।

अजय ने गला दबाया, पिंकी ने पैरों को पकड़ा
पुलिस के मुताबिक, आरोपी अजय ने कोमल की गला दबाकर हत्या की, जबकि उसकी पत्नी पिंकी ने उसके पैर पकड़े थे। हत्या के वक्त बुआ का बेटा विनोद कोमल के दोनों बेटे और अजय की बेटी गौरी को कमरे से बाहर ले गया था।

अरनव ने बताया गला दबाकर की मम्मी व भाई की हत्या
अरनव उर्फ कबीरा के दादा रमेश ने बताया कि बहू और बेटे लापता हुए तो उनकी रिश्तेदारियों में तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा तो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। छोटे बेटे के घायल अवस्था में मोहाली में मिलने की सूचना मिली तो वे वहां पहुंचे। जब कबीरा से पूछा और कोमल व आरव का फोटो दिखाया तो बताया कि मम्मी व भाई को गला दबा दिया था।

मां-बेटे का एक ही चिता में हुआ अंतिम संस्कार
सफीदों में बंद मकान के बाथरूम में मिले मां व बेटे के कंकाल का परिजनों ने बुधवार शाम एक ही चिता में अंतिम संस्कार किया। हत्यारोपियों ने छोटे बेटे कबीरा को मरा समझकर मोहाली के जंगलों में फेंक दिया था। 11 सितंबर को जंगलों में किसी चरवाहे को बच्चे के कराहने की आवाज सुनाई दी, तो उसने लोगों की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां से उसे पीजीआई में भर्ती कराया गया।

पिंकी साथ रहने को थी तैयार, कोमल अजय के साथ रहना चाहती थी अलग
हत्यारोपी अजय ने अपने बुआ के बेटे विनोद उर्फ केडी के जरिए पानीपत रोड स्थित सफीदों में एक मकान किराए पर लिया था। अजय की पत्नी पिंकी कुछ दिन यहां रहकर मायके गन्नौर चली गई थी। इस बीच कोमल उसके दोनों बच्चों आरव व अरनव के साथ मकान पर आकर अजय के साथ रहने लगी। पिंकी को जब इस बात की भनक लगी तो वह अचानक आ धमकी। यहां तीनों की आपस में बहस हुई।

पुलिस के मुताबिक, अजय की पत्नी पिंकी ने तो कोमल को अपने साथ रखने का समझौता कर लिया था, ताकि घर चलता रहे, लेकिन कोमल इसके लिए तैयार नहीं थी। अजय भी कोमल और पिंकी को साथ रखने पर सहमत हो गया था। कोमल चाहती थी अजय केवल उसके साथ रहे।

इसके बाद 16 अगस्त को तीनों में झगड़ा हुआ, फिर अजय व पिंकी ने कोमल से पीछा छुड़वाने के लिए उसको और उसके बच्चों को ठिकाने लगाने का मन बना लिया। योजना के तहत कोमल व उसके बेटे आरव को गला दबाकर मौत के घाट उतारने के बाद बाथरूम में शव छिपा दिए। वहीं, दूसरे बेटे अरनव उर्फ कबीरा को मोहाली के जंगलों में अधमरा समझकर फेंक आए।

आरोपी अजय पर पहले से दर्ज है हत्या का केस
हत्याकांड के आरोपी अजय के खिलाफ रोहतक में के सूर्यनगर निवासी प्रवीन की हत्या का केस दर्ज है। इस मामले में आरोपी अजय अदालत से भगौड़ा घोषित हो चुका था। पुलिस भी आरोपी की तलाश कर रही थी।

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