देश में आज से यानि 11 दिसंबर से TRAI का मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू हो गया है। इसका फायदा देश के 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को होगा। इसके ज़रिए टेलीकॉम रेगुलेटर ने SMS के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए इस नियम की सिफारिश की थी।
इस नियम के जरिए यूजर के मोबाइल पर आने वाले मैसेज के सेंडर को ट्रेस करना यानी पता लगाना आसान होगा। अब हैकर्स द्वारा भेजे जाने वाले फर्जी कमर्शियल मैसेज यूजर्स तक नहीं पहुंचेंगे। वहीं मैसेज भेजने वाले को आसानी से ढूंढा जा सकता है।
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पहले ही दूरसंचार नियामक ने अनचाही संचार (अनसोलिसिटेड कम्युनिकेशन) के खिलाफ नियम लागू किए हैं, जिसके तहत अनवेरिफाइड स्रोतों से आने वाले संदेशों को ब्लॉक किया जाएगा, जिनमें URL या APK फाइल के लिंक होंगे। इसके अलावा, बिना सत्यापित नंबर से आने वाली कमर्शियल कॉल्स को भी नेटवर्क स्तर पर रोका जाएगा। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों को रोकने में मदद मिलेगी। भारतीय एजेंसियां धोखाधड़ी को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन फिर भी धोखाधड़ी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में 3,000 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है।
इस नियम के लागू होने परयूजर के मोबाइल पर आने वाले OTP मिलने में किसी भी तरह की देरी नहीं होगी। इसी के साथ टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने ये दलील थी कि भारत के ज्यादातर टेलीमार्केटर्स और बिजनेस एंटीटीज जैसे कि बैंक अभी नए नियम के लिए पूरी तरह से तकनीकी तौर पर तैयार नहीं हैं, इस वजह ये नियम के लागू होने से बड़े पैमाने पर असर देखने को मिलेगा।
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