भाजपा के सुशासन में आदिवासी हुए खुशहाल: मंत्री नेताम
रायपुर। अब न घर टूटने का डर और न बारिश का। मिट्टी की झोपड़ी में नहीं पक्के आवास में रहेंगे कमार जनजाति के लोग। जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को पक्का आवास बनाकर दे रहे है। छत्तीसगढ़ की लगभग 3 करोड़ आबादी में एक तिहाई जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है. इन समुदायों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए साय सरकार ने अपना पूरा फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा पर किया है. इसके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को आदिवासी समुदाय तक पहुँचाने की पूरी-पूरी कोशिश की जा रही है. आदिवासी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं से नया वातावरण बन रहा है।
भाजपा के सुशासन में
आदिवासी हुए खुशहाल।अब न घर टूटने का डर और न बारिश का।
मिट्टी की झोपड़ी में नहीं पक्के आवास में रहेंगे कमार जनजाति के लोग।
जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को बनाकर दे रहे पक्का आवास #सुशासन_का_एक_वर्ष@narendramodi @jpnadda @bjp4india… pic.twitter.com/JSdoaUQ2sn
— Ramvichar Netam (@RamvicharNetam) December 22, 2024
यह भी पढ़ें…CG BREAKING: पूर्व विधायक के बेटे की कार से मिला लाखों का गांजा
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष प्रयास कर रही है. स्थानीय बोलियों में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. यह नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आदिवासी समुदायों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. 18 स्थानीय भाषा-बोलियों में स्कूली बच्चों की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं. प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंड़ी और कुडुख में कोर्स तैयार किया जा रहा है. दूरस्थ और वनांचल क्षेत्रों में कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा प्रदान करने वाली आश्रम शालाओं की स्थापना की जा रही है।
इसके अलावा, प्रतिभावान आदिवासी विद्यार्थियों को उत्कृष्ट आवासीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलाने हेतु ‘जवाहर आदिवासी उत्कर्ष विद्यार्थी योजना’ संचालित है, जिससे वे प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा। शेष जिलों के विद्यार्थियों को 1 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा. ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा 4 लाख रूपए रखी गई है।
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें….