बजट 2024 का अवलोकन
बजट 2024 को मोदी सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण आर्थिक दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक संरचना को मजबूत करना और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट के माध्यम से कई प्रमुख घोषणाएं की हैं, जो विभिन्न सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव डालने की क्षमता रखती हैं।
बजट 2024 में, ग्रामीण और शहरी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही, कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव भी रखा गया है। इस बजट के तहत, किसानों के लिए नई योजनाएं और समर्थन की घोषणाएं की गई हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
बजट 2024 में मध्यम वर्ग के लिए भी कई राहतें दी गई हैं। आयकर स्लैब में परिवर्तन के साथ-साथ, विभिन्न कटौतियों और छूटों की भी घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य है कि मध्यम वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके और उनकी बचत में वृद्धि हो। इसके अलावा, बजट में छोटे और मध्यम उद्योगों के विकास के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस बजट का एक और महत्वपूर्ण पहलू है डिजिटलीकरण और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना। इससे न केवल सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
कुल मिलाकर, बजट 2024 का उद्देश्य है देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और सभी वर्गों के लोगों के लिए विकास के अवसर प्रदान करना। हालांकि, इन नीतियों के दीर्घकालिक प्रभाव को समझने के लिए गहन विश्लेषण की आवश्यकता होगी।
कर नीति में बदलाव
बजट 2024 में मोदी सरकार द्वारा कर नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट करों में कई संशोधनों की घोषणा की है। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नए कर स्लैब लागू किए गए हैं, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद है। निम्न आय वर्ग के करदाताओं को अतिरिक्त छूट देते हुए कर रिबेट की सीमा भी बढ़ाई गई है।
व्यक्तिगत कर स्लैब में बदलाव के तहत, कर मुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है। इससे पहले यह सीमा ₹2.5 लाख थी। इसके अलावा, ₹5 लाख से ₹10 लाख के बीच की आय पर कर दर को घटाकर 10% कर दिया गया है, जो कि पहले 20% थी। ₹10 लाख से ऊपर की आय पर 30% की कर दर यथावत रखी गई है। इस प्रकार, मध्यम और निम्न आय वर्ग के करदाताओं को इस बजट में विशेष राहत मिली है।
कॉर्पोरेट करों में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को घटाकर 25% कर दिया गया है, जो पहले 30% थी। इसके साथ ही, स्टार्टअप्स को भी कई प्रकार की टैक्स रिबेट्स और इंसेंटिव्स दिए गए हैं, जिससे नई कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
एक्साइज ड्यूटी में भी परिवर्तन किए गए हैं। विशेषकर पेट्रोलियम उत्पादों और शराब पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया गया है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और सोलर पैनल जैसे पर्यावरण हितैषी उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी को कम किया गया है ताकि हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा सके।
निर्मला सीतारमण के बजट 2024 में किए गए इन कर नीति में बदलावों से सरकार का उद्देश्य है कि करदाताओं को राहत मिले और देश की अर्थव्यवस्था को गति मिले।
सामाजिक योजनाओं और सब्सिडी में परिवर्तन
बजट 2024 में, मोदी सरकार ने सामाजिक योजनाओं और सब्सिडी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और ग्रामीण विकास के लिए आवंटित धनराशि में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की है।
शिक्षा के क्षेत्र में, सरकार ने प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए फंडिंग में भी वृद्धि की गई है, जिससे अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट 2024 में आवंटन में भी बढ़ोतरी की गई है। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुधार के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच को और अधिक व्यापक बनाने के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है।
कृषि और ग्रामीण विकास के लिए, सरकार ने किसान कल्याण योजनाओं में वित्तीय सहायता को बढ़ाया है। विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की घोषणा की गई है, जिससे किसानों की आय में सुधार होगा। इसके साथ ही, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे।
सब्सिडी के मामले में, बजट 2024 ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि की गई है, जिससे गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी। जबकि कुछ अन्य सब्सिडियों में कटौती की गई है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वित्तीय संसाधनों का उपयोग अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके।
वित्तीय सुधार और निवेश प्रोत्साहन
बजट 2024 में वित्तीय सुधारों और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत इस बजट में बैंकिंग सेक्टर को मजबूती देने के लिए कई नीतिगत सुधारों की घोषणा की गई है। बैंकिंग सेक्टर में सुधारों का उद्देश्य वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ाना है। निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टर के लिए नई नीतियों की घोषणा की है, जिनमें बैंकिंग विनियमन को सरल और प्रभावी बनाना शामिल है।
स्टार्टअप्स के लिए भी बजट 2024 में कई महत्वपूर्ण प्रोत्साहन दिए गए हैं। स्टार्टअप्स को टैक्स में छूट और वित्त पोषण में आसानी प्रदान की गई है। इसके अलावा, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। विदेशी निवेशकों के लिए नियमों को सरल किया गया है और निवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बजट 2024 में महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए बड़ी धनराशि आवंटित की गई है। सड़क, रेल, और हवाई अड्डों के विकास के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है। इसके साथ ही, डिजिटल इंडिया के तहत भी कई नई योजनाओं का ऐलान किया गया है, जिनमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया है।
मोदी सरकार के इस बजट में वित्तीय सुधारों और निवेश प्रोत्साहन के कदमों का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और विकास को गति देना है। निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत की गई इन नीतियों का लक्ष्य वित्तीय स्थिरता, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
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