वेब-डेस्क :- सनातन धर्म में हर महीने पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा और व्रत किए जाने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान और दीपदान करने से साधक को कई तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
खास बात यह है कि पूर्णिमा तिथि के मौके पर चांद पूरी तरह से अपने आकार में होता है। वहीं, अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा तिथि को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन है। कुछ लोगों का मानना है कि चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल की पड़ रही है तो वहीं कुछ लोग इसे 13 अप्रैल को मनाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं की चैत्र पूर्णिमा आखिर कब मनाई जाएगी।
चैत्र पूर्णिमा 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन यानी 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं कि इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा।
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चैत्र पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का भोग
चैत्र पूर्णिमा के मौके पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ साथ उन्हें कई सारे फलों विशेषकर केले का भोग लगाएं। साथ ही माता लत्र्मी को प्रसन्न करने के लिए आप दूध से घर पर बनी स्वादिष्ट खीर का भी भोग लगा सकते हैं। इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न होकर आपको अपना आशीर्वाद देंगे और माता की कृपा हमेशा आप और आपके परिवार पर बनी रहेगी।
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