वेब-डेस्क :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की 10वीं वर्षगांठ पर अपने आवास पर कुछ खास लोगों से मुलाकात की। दरअसल, पीएम मोदी पीएमएमवाई के चुनिंदा लाभार्थियों से बातचीत कर रहे थे। इन्हें पीएम मोदी ने ही न्योता भेजा था। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि योजना से देश के युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिली है। इससे युवाओं में नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनने का आत्मविश्वास मिला है। इस दौरान उन्होंने कई लाभार्थियों से उनकी संघर्ष की कहानियां भी सुनीं। इस दौरान एक महिला भावुक हो गई और अपने आंसू नहीं रोक पाई। पीएम मोदी ने उन्हें ढांढस बंधाया और हिम्मत के साथ आगे बढ़ने को कहा।
दरअसल, पीएम मोदी ने पूनम कुमारी नाम की एक लाभार्थी से अपनी कहानी और योजना के बारे में कैसे पता चला? यह बताने को कहा। इस पर वह अपने गरीब किसान परिवार के पुराने दिनों को याद कर भावुक हो गईं। उनके आंखों से आंसू छलक पड़े। यह सुन वहां मौजूद कुछ अन्य लाभार्थी भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।
आइए पढ़ते हैं पूनम कुमारी की कहानी
पूनम कुमारी ने बताया, ‘हम बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं। हम इतनी गरीबी देखी है कि अक्सर हम सिर्फ एक वक्त का ही खाना खा पाते थे, दूसरे वक्त सोचना पड़ता था। मैं पहली बार दिल्ली आई हूं, पहली बार फ्लाइट में बैठी हूं। मैं किसान परिवार से हूं। मैंने अपने पति से बात की और ऋण लेकर कुठ काम शुरू करने को कहा। उन्होंने मेरा साथ दिया और दोस्तों से बात की। फिर में इस योजना का पता चला। फिर हमने आठ लाख ऋण लेकर बीज का काम कर रहे हैं। मैंने 2024 में ही काम शुरू किया है। मैं महीने में 60 हजार रुपये तक कमा रही हूं। मैंने एक शख्स को नौकरी भी दी है।’
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8 अप्रैल, 2015 को शुरू हुई थी योजना
कमजोर लोगों को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को बिना गारंटी ऋण प्रदान करने के लिए पीएमएमवाई का शुभारंभ किया था। मुद्रा लाभार्थियों में से आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और 70 फीसदी से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं।
‘मुद्रा योजना में सबसे अधिक संख्या में महिलाएं आगे आई हैं’
पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक मुद्रा ऋण अपने साथ सम्मान, आत्म-सम्मान और अवसर लेकर आता है। इस योजना ने आर्थिक स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की है। मुद्रा योजना में सबसे अधिक संख्या में महिलाएं आगे आई हैं। महिलाओं ने सबसे अधिक ऋण के लिए आवेदन किया है, सबसे अधिक ऋण प्राप्त किए हैं और उन्हें चुकाने में भी सबसे तेज हैं।
योजना को और बेहतर बनाने के लिए कदम उठाएगी सरकार
प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार इस योजना की समीक्षा करेगी और इसे और बेहतर बनाने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, जहां हर महत्वाकांक्षी उद्यमी को ऋण तक पहुंच हो, जिससे उसे आत्मविश्वास और बढ़ने का मौका मिले।
योजना के बारे में जानिए
पीएमएमवाई के तहत सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं (एमएलआई) जैसे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), लघु वित्त बैंक (एसएफबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और माइक्रोफाइनेंस संस्थान (एमएफआई) की ओर से 20 लाख रुपये तक बिना गारंटी के ऋण दिए जाते हैं। यह योजना छोटे व्यवसायों के लिए शुरू की गई थी। बैंकों को तीन श्रेणियों शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 रुपये से 5 लाख रुपये के बीच) और तरुण (20 लाख रुपये) के तहत 20 लाख रुपये तक के जमानत-मुक्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था।
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