दुर्ग :- महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग में छात्रों की मूलभूत समस्याओं और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, ने प्रदेश मंत्री के नेतृत्व में जोरदार और उग्र आंदोलन किया।विद्यार्थी परिषद ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन का लगातार उदासीन रवैया अब किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा।
यह भी पढ़ें…. बिलासपुर में स्पा सेंटर के नाम से चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़…… – unique 24 news
आंदोलन की प्रमुख मांगें कुछ इस प्रकार है–
1. विगत दो वर्षों से शोधार्थियों को शोधवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया, जिससे उनकी शैक्षणिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं।
2. विश्वविद्यालय के कुलसचिव के विरुद्ध गंभीर शिकायतों के बावजूद 8 माह पूर्व राज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी आदेश पर कार्यवाही न होना सीधा चिंताजनक स्थिति एवं अकर्मण्यता को दर्शाता है।
3. तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी भर्ती हेतु दो वर्ष पूर्व आवेदन लिए गए थे, लेकिन आज तक परीक्षा आयोजित न होना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
4. प्राथमिक उपचार हेतु किसी प्रकार की चिकित्सा व्यवस्था न होना विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
5. विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को ICAR से संबद्ध अन्य महाविद्यालयों के अनुरूप वेतनमान तत्काल दिया जाए।
प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा जी ने कहा –
“यदि विश्वविद्यालय छात्रों की मूल समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ है तो यह विश्वविद्यालय के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा करता है। यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो विद्यार्थी के साथ सीधा मंत्री जी के बंगले पर पहुँचकर उग्र आंदोलन करेगी।”
कुलपति महोदय ने विद्यार्थियों की मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया। परंतु परिषद ने चेतावनी दी है कि अब केवल आश्वासन नहीं बल्कि ठोस कार्यवाही चाहिए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समय-समय पर छात्रों की आवाज़ बनकर उनके हक़ के लिए संघर्ष करती आई है। इसी प्रकार इस बार भी परिषद ने ठाना है कि छात्रों को उनका अधिकार दिलाकर ही रहेंगे।
यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध और उग्र आंदोलन की दिशा में कदम बढ़ाएगी।
छात्रों का हक़ दिलाना ही परिषद का संकल्प है और इस संकल्प की पूर्ति तक संघर्ष जारी रहेगा।
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें….