युवा में भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर जी की 134 वीं जयंती का आयोजन

युवा में भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर जी की 134 वीं जयंती का आयोजन

रायपुर :- शैक्षणिक और सामाजिक संस्था “युवा” में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती के पावन अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बिम्बिसार नागार्जुन, प्रभारी, आम्बेडकर सार्वजनिक समारोह समिति व अधीक्षण अभियंता, छग राज्य विद्युत मंडल थे।

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्री बिम्बिसार नागार्जुन एवं उपस्थित अन्य अतिथियों ने बाबा साहेब के चित्रपट पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्जवलन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। इसके उपरांत युवा सदस्यों ने मुख्य अतिथि श्री बिम्बिसार नागार्जुन का सूत का माला, पुष्प गुच्छ, शॉल एवं श्रीफ़ल से स्वागत किया। मुख्य अतिथि के आसंदी से श्री बिम्बिसार नागार्जुन ने बाबासाहेब के विचारों, उनके संघर्षों और सामाजिक उत्थान के लिए उनके योगदान पर प्रकाश डाला।

बिम्बिसार नागार्जुन जी का व्याख्यान

1. वंचितों को मुख्यधारा में लाने का बाबासाहेब का सपना
बिम्बिसार नागार्जुन जी ने अपने व्याख्यान में बताया कि बाबासाहेब का सबसे बड़ा सपना था उन लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाना, जो वर्षों से उपेक्षित और वंचित रहे। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब चाहते थे कि जिनके पास सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएँ नहीं पहुँच पाईं, उन्हें न केवल ये सुविधाएँ मिलें, बल्कि उन्हें समाज में बराबरी का स्थान और सम्मान भी प्राप्त हो।” बिम्बिसार जी ने जोर देकर कहा कि बाबासाहेब का यह सपना आज भी प्रासंगिक है और इसे साकार करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे।

2. शेर की सवारी का संदेश
बिम्बिसार जी ने बाबासाहेब के साहस और आत्मविश्वास को “शेर की सवारी” के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने हमें सिखाया कि हमें डर को त्यागकर शेर की तरह निर्भीक होकर अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ना है। समाज में बदलाव लाने के लिए साहस और दृढ़ निश्चान की आवश्यकता है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे बाबासाहेब के इस संदेश को आत्मसात करें और हर चुनौती का सामना करें।

3. लक्ष्य प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास
बिम्बिसार जी ने बाबासाहेब के विचार “जो भी बनाना है, वैसा हमें रोज सोचना होगा और करना होगा” को उद्धृत करते हुए कहा कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर चिंतन और कर्म की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने हमें सिखाया कि सपने केवल देखने से पूरे नहीं होते, बल्कि उनके लिए रोज मेहनत और योजना बनानी पड़ती है। तभी हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।”

4. देश को प्राथमिकता
बिम्बिसार जी ने बाबासाहेब के राष्ट्रप्रेम पर बल देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा देश को प्राथमिकता दी। “बाबासाहेब ने अपने जीवन में अभावों का सामना किया, फिर भी उन्होंने देश के लिए भारतीय संविधान जैसे महान दस्तावेज का निर्माण किया। उनका जीवन हमें सिखाता है कि व्यक्तिगत कठिनाइयों से ऊपर उठकर देश के लिए योगदान देना चाहिए।”

5. अभावों में सफलता की मिसाल
बिम्बिसार जी ने बाबासाहेब के संघर्षपूर्ण जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अभावों और सामाजिक भेदभाव का सामना करते हुए भी शिक्षा और मेहनत के बल पर सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब का जीवन हमें सिखाता है कि परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत हों, यदि हम मेहनत और लगन से काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।”

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6. असफलता से न डरने का संदेश
बिम्बिसार जी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बाबासाहेब ने असफलताओं से कभी घबराए बिना अपने मार्ग पर आगे बढ़ना सिखाया। “असफलता जीवन का हिस्सा है, लेकिन हमें उससे डरना नहीं चाहिए। बाबासाहेब ने हमें सिखाया कि हर असफलता हमें कुछ नया सिखाती है और हमें और मजबूत बनाती है।”

7. समाज के उत्थान के लिए कार्य
बिम्बिसार जी ने बाबासाहेब के सामाजिक सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन समाज के उत्थान के लिए समर्पित था। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने छुआछूत, जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। हमें भी समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्य करना चाहिए।”

8. शिक्षा का महत्व: जितना तपोगे, उतना निखरोगे
बिम्बिसार जी ने बाबासाहेब के जीवन से शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने कहा था कि शिक्षा वह हथियार है जो हमें हर बंधन से मुक्त कर सकती है। वे स्वयं पढ़ाई के बल पर आगे बढ़े। उनका यह संदेश कि ‘जितना तपोगे, उतना निखरोगे’ आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है।” उन्होंने युवाओं से शिक्षा को प्राथमिकता देने और निरंतर सीखने का आह्वान किया।

बाबासाहेब के संदेशों को समझने का एक अनमोल अवसर

संस्था युवा के संस्थापक श्री एम राजीव ने कहा कि आज का यह आयोजन न केवल बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती का उत्सव था, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम भी बना। मुख्य अतिथि श्री बिम्बिसार नागार्जुन का व्याख्यान बाबासाहेब के जीवन और उनके संदेशों को समझने का एक अनमोल अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम ने रायपुर के युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक नई दिशा और प्रेरणा दी, ताकि वे बाबासाहेब के सपनों को साकार करने में योगदान दे सकें।

संस्था युवा के मुख्य कार्यकारी श्री कुलदीप मीणा ने मुख्य अतिथि के प्रति आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि श्री बिम्बिसार नागार्जुन जी का व्याख्यान उपस्थित सभी लोगों, विशेषकर युवाओं के लिए अत्यंत प्रेरणादायी रहा। उनके शब्दों ने बाबासाहेब के विचारों को जीवंत कर दिया और उपस्थित लोगों में सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के प्रति नया उत्साह जगाया।

सकारात्मक बदलाव के लिए शपथ ग्रहण 

कार्यक्रम के अंत में, संस्था “युवा” में उपस्थित सदस्यों को बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की शपथ दिलाई गई।

आज के कार्यक्रम में युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों की भारी भीड़ उपस्थित थी, जो बाबासाहेब के आदर्शों से प्रेरणा लेने के लिए एकत्रित हुई थी।

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