प्रयागराज : महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान से पहले भगदड़ मची हुई थी। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने इस भगदड़ को एक साज़िश बताया है।उनके मुताबिक, यह एक “प्रायोजित षड्यंत्र” था।
उन्होंने कहा, “महाकुंभ में जो भगदड़ मची है, उसे लेकर मन काफी दुखी है। यह बेहद दुखद घटना है। इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश है, जिसके तहत हिंदुत्व की छवि खराब करने की कोशिश किया गया है।”
आखिर क्या कहा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने
महाकुंभ पर उन्होंने कहा कि “तन रहेगा तो वतन रहेगा, तन रहेगा तो सनातन रहेगा”, इसलिए महाकुंभ में श्रद्धालु महा स्नान करें। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से संगम घाट पर भीड़ न लगाने की अपील की है क्योंकि किसी दिन पर्व पर भारी भीड़ लगाने से परेशानी खड़ी हो सकती है। आप किसी भी दिन आकर संगम में स्नान कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। भगदड़ तब मची जब श्रद्धालु संगम तट की ओर बढ़ रहे थे। इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 90 से ज्यादा लोग सामान्य या गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मृतकों के परिजनों के लिए योगी सरकार द्वारा 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान भी किया गया है। साथ ही डॉक्टरों की निगरानी में घायल श्रद्धालुओं का इलाज किया जा रहा है।
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इस घटना को लेकर योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। कुंभ हादसे की न्यायिक जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। सेवानिवृत्त अधिकारी V.K गुप्ता और B.K सिंह कमेटी में शामिल होंगे। यह हादसा क्यों हुआ, इसकी जाँच पड़ताल पुलिस द्वारा भी की जाएगी।
कहा जा रहा है की महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद यहां पर अब स्थिति सामान्य है। श्रद्धालु और संत संगम में स्नान कर रहे हैं। वहीं, बसंत पंचमी पर होने वाले स्नान को लेकर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ है। इस दिन डायवर्सन स्कीम लागू होगी।
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