नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम उनके तुगलक क्रिसेंट स्थित सरकारी आवास पहुंची। जांच टीम उस स्टोर रूम में गई, जहां 500-500 रुपये के अधजले नोटों से भरी बोरियां बरामद हुई थीं। सुप्रीम कोर्ट की यह टीम मामले की विस्तृत जांच के बाद अपनी रिपोर्ट चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना को सौंपेगी, जिसके आधार पर जस्टिस वर्मा के भविष्य को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
कैसे हुआ खुलासा?
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा कराई गई प्रारंभिक जांच में जस्टिस वर्मा के आवास से कथित रूप से 4-5 बोरियों में जला हुआ कैश मिलने की पुष्टि हुई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए CJI ने तीन जजों की एक विशेष कमेटी गठित कर दी। इस जांच समिति में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी. एस. संधावालिया को शामिल किया गया है।
यह भी पढ़े … हार्ट अटैक आने से Samsung इलेक्ट्रॉनिक्स के सह-सीईओ हान जोंग-ही का निधन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर का प्रस्ताव
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 24 मार्च को जस्टिस वर्मा को उनके मूल कार्यक्षेत्र इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की। हालांकि, इस फैसले का इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है और इसके खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।
बार एसोसिएशन ने किया था विरोध
इससे पहले, 23 मार्च को भी बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा के ट्रांसफर का विरोध किया था। इसी दिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उनसे कार्यभार भी वापस ले लिया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट की विशेष जांच टीम उनके आवास की तलाशी ले रही है, तो इस मामले में और नए खुलासे होने की संभावना है।
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें….