वेब-डेस्क :- स्वस्थ आदतें अपनाने के बावजूद भी कई बार पेट की समस्याएं बढ़ जाती हैं। हम में से अधिकांश लोग यह मानते हैं कि डिटॉक्स, स्मूदी, जूस और उपवास जैसी आदतें आंत स्वास्थ्य को सुधारती हैं, लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि ये आदतें कई बार अच्छे से अधिक नुकसान पहुंचाती हैं।
1. जूस और स्मूदी का अत्यधिक सेवन:
स्मूदी और जूस को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन ये हमारे प्राकृतिक पाचन तंत्र को बाधित कर सकते हैं। चबाने से पाचन प्रक्रिया की शुरुआत होती है, जिससे पेट एंजाइम और एसिड का उत्पादन करता है। तरल आहार में यह प्रक्रिया नहीं होती, जिससे सूजन, गैस और आंतों में संक्रमण की समस्या हो सकती है।
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2. अनावश्यक डिटॉक्स और क्लींजिंग:
डिटॉक्सिफिकेशन और क्लींजिंग की अधिकता से शरीर के प्राकृतिक डिटॉक्स सिस्टम जैसे लीवर और किडनी पर असर पड़ता है। यह शरीर को “रीसेट” करने के बजाय “रीलैप्स” की स्थिति में डाल सकता है, जिससे पाचन तंत्र पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
3. अत्यधिक उपवास और कठोर आहार:
गलत तरीके से उपवास करने या अत्यधिक कैलोरी नियंत्रण से पेट में एसिड असंतुलन हो सकता है, जिससे पेट और आंतों की परत में जलन हो सकती है। इससे पेट में सूजन और अल्सर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
4. गलत प्रकार का व्यायाम:
सही तरीके से व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन अत्यधिक और गलत व्यायाम से पेट के बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पेट में सूजन और गैस की समस्या हो सकती है।
5. अनुपूरकों का अनुचित सेवन:
बिना विशेषज्ञ की सलाह के हर्बल सप्लीमेंट्स या प्रोबायोटिक्स लेना आपके आंत माइक्रोबायोटा की प्राकृतिक विविधता को बाधित कर सकता है। इससे पाचन संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं और पेट की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और सभी के लिए एक ही स्वास्थ्य रणनीति कारगर नहीं हो सकती। ट्रेंड्स का आंख मूंदकर अनुसरण करने से बचना चाहिए और विशेषज्ञों से परामर्श लेकर आंत स्वास्थ्य के लिए संतुलित और व्यक्तिगत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
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