वेब-डेस्क :- सुबह अकसर कई लोगों की आदत होती है कि वो बिस्तर छोड़ते ही सबसे पहला काम, अपना बेड ठीक करने का करते हैं। हो सकता है ऐसे ही कुछ लोगों में आपका नाम भी शामिल हो, लेकिन क्या आप जानते हैं, ऐसा करना आपकी सेहत और घर की स्वच्छता के लिए हानिकारक हो सकता है? जी हां, आप भले ही सुबह उठते ही बिस्तर लगाने को अनुशासन, नॉर्मल रूटीन और हाइजीन से जोड़कर देखते हों लेकिन आधुनिक अध्ययनों और चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो नींद से तुरंत जागते ही बिस्तर लगाने की तुलना में कुछ देर के लिए बिस्तर न लगाना ज्यादा सेहतमंद होता है। आइए जानते हैं इसके पीछे 5 बड़े कारण।
चादर में गर्मी और नमी कैद रहती है
रात में सोते समय शरीर से निकलने वाला पसीना चादर, तकिया और गद्दे में अवशोषित हो जाता है। भारतीय घरों में, जहां गर्म और उमस भरा वातावरण आम बात है, यह नमी बैक्टीरिया और फफूंद को बढ़ावा देती है। ऐसे में अगर हम उठते ही बिस्तर बिछा दें, तो सारी गर्मी और नमी अंदर फंस जाती है, जिससे चादरों में बदबू और फफूंद का खतरा बढ़ता है। सुबह खिड़कियां खोलें, पंखा चलाएं और बिस्तर को हवादार होने दें। अगर संभव हो तो चादर को धूप में सुखाएं।
धूल के कण और बैक्टीरिया का खतरा
रात को सोते समय हमारी त्वचा से मृत कोशिकाएं और पसीना बिस्तर पर चिपक जाते हैं। ये धूल के कणों (dust mites) और बैक्टीरिया के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है, जो नम और गर्म जगहों में पनपते हैं। धूल के कण छोटे कीड़े होते हैं जो हमारे बिस्तरों में रहते हैं और मृत त्वचा कोशिकाओं को खाते हैं। सुबह के समय अच्छी तरह से बिछाया गया बिस्तर इनके प्रजनन के लिए आदर्श स्थान होता है। जिससे एलर्जी, दमा या त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं। बिस्तर को करीब 30-60 मिनट तक खुला छोड़ दें ताकि नमी सूख जाए और हवा का प्रवाह इसे फ्रेश बनाए रखे।
फ्रेश हवा बिस्तर साफ रखती है
बिस्तर को तुरंत बनाना साफ-सफाई का भ्रम देता है, लेकिन वास्तव में यह बैक्टीरिया और कीटाणुओं को पनपने का मौका देता है। इससे बिस्तर की ताजगी कम हो जाती है। सूरज की रोशनी एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है जो सतह पर मौजूद बैक्टीरिया और माइट्स को मार देती है। लगातार हवा का प्रवाह चादर की दुर्गंध को दूर करता है और नमी को सुखा देता है। आपकी यह आदत घर के अंदर की हवा को भी साफ करती है और रात में सोने की जगह को साफ महसूस करवाती है। चादर और तकिए को हल्का झटकें और कुछ देर खुला छोड़ दें। हफ्ते में एक बार चादर बदलें और गद्दे को धूप दिखाएं।
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एलर्जी और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव
धूल के कण और फफूंद एलर्जी, खुजली, छींकने और सांस की तकलीफ का कारण बन सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर ज्यादा होता है। तुरंत बिस्तर बनाने से ये सूक्ष्म जीव चादरों में फंस जाते हैं, जो रात को सोते समय सांस के साथ शरीर में जा सकते हैं। ऐसे में बिस्तर को खुला छोड़कर हवा और धूप से कीटाणुओं को नष्ट करें। वैक्यूम क्लीनर से गद्दे की सफाई करें।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
सुबह जल्दबाजी में बिस्तर बनाने से तनाव बढ़ सकता है। ऐसा करने की जगह सुबह कुछ देर बिस्तर को खुला छोड़कर दिन की शुरुआत शांति और ताजगी के साथ करें। जल्दबाजी में बिस्तर बनाना एक अनावश्यक दबाव पैदा करता है, जबकि कुछ देर इंतजार करने से आप दिन की शुरुआत बेहतर तरीके से कर सकते हैं। सुबह उठकर पहले पानी पिएं, थोड़ा ध्यान करें या सैर करें, और फिर बिस्तर बनाएं।
सलाह
- चादर और तकिए के कवर हर हफ्ते बदलें। गर्म पानी में धोने से चादर पर लगे कीटाणु मर जाते हैं।
- गद्दे, तकिए और चादर को समय-समय पर धूप में रखें।
- सोने से पहले और सुबह उठने के बाद कमरे की खिड़कियां खोलें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे।
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