क्या आपको भी आती है सफर करते वक़्त उल्टी? अपनाये ये रामबाण उपाय

क्या आपको भी आती है सफर करते वक़्त उल्टी? अपनाये ये रामबाण उपाय

वेब-डेस्क :- अक्सर लोगों को कार, बस या ट्रेन से लंबा सफर करते समय उल्टी आने लगती है। इसे आमतौर पर “मोशन सिकनेस” भी कहा जाता है। यह समस्या बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है। बहुत से लोग इसे छोटी परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन सफर के दौरान यह अनुभव काफी असहज बना देता है। चलिए जानते हैं कि सफर करते समय क्यों आती है उल्टी और इससे बचने का उपाय क्या है।

क्यों आती है उल्टी?
मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, जब हम कार या किसी वाहन में बैठकर सफर करते हैं तो हमारे कान का वेस्टिबुलर सिस्टम (inner ear balance system) और हमारी आंखों द्वारा भेजी जाने वाली जानकारी में टकराव होता है।
आंखें देखती हैं कि शरीर स्थिर है (क्योंकि हम कार की सीट पर बैठे होते हैं),
लेकिन कान और दिमाग महसूस करते हैं कि शरीर हिल रहा है (कार की गति और झटकों की वजह से), इस विरोधाभासी संदेश को दिमाग प्रोसेस नहीं कर पाता और इसका असर हमारे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इसका यह नतीजा होता है कि जी मिचलाना, सिर चकराना और उल्टी जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।

किसे ज्यादा होती है यह समस्या?
बच्चे और महिलाएं
माइग्रेन से पीड़ित लोग
लंबा सफर करने वाले यात्री
जिनका बैलेंस सिस्टम (inner ear) कमजोर होता है

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रिसर्च क्या कहती है?
मोशन सिकनेस यानी यात्रा के दौरान उल्टी, चक्कर या मतली आना एक बहुत आम समस्या है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के तहत आने वाले MedlinePlus Genetics की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग हर 3 में से 1 व्यक्ति (लगभग 30 प्रतिशत लोग) मोशन सिकनेस का शिकार होते हैं, यानी अगर 10 लोग एक साथ कार या बस से सफर कर रहे हों तो उनमें से 3 को यह समस्या हो सकती है। यह आंकड़ा बताता है कि मोशन सिकनेस कोई दुर्लभ दिक्कत नहीं है बल्कि बेहद सामान्य स्थिति है, जिस पर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह दिक्कत तब होती है जब हमारे दिमाग को आंखों और कानों से आने वाले सिग्नल मेल नहीं खाते। उदाहरण के लिए, जब हम कार की सीट पर बैठे होते हैं तो आंखें तो स्थिर दृश्य देखती हैं लेकिन कान के अंदर का वेस्टिबुलर सिस्टम शरीर को गति में महसूस करता है, यही टकराव मोशन सिकनेस की वजह बन जाता है।

जरूरी बातें
रिसर्च में यह भी सामने आया कि जो लोग मोबाइल या किताब पढ़ते हुए सफर करते हैं, उनमें यह समस्या और तेजी से बढ़ती है। वहीं, खिड़की से बाहर देखने वाले यात्रियों में मोशन सिकनेस की संभावना 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

इससे बचने का रामबाण उपाय
खिड़की से बाहर देखें: इससे आंख और कान दोनों को समान संदेश मिलते हैं।
मोबाइल और किताब पढ़ने से बचें: सफर के दौरान इससे उल्टी की संभावना बढ़ जाती है।
हल्का और कम ऑयली खाना खाएं: सफर से पहले भारी भोजन न करें।
अदरक का सेवन करें: कई रिसर्च में पाया गया है कि अदरक उल्टी और मतली को कम करने में मदद करता है।
गहरी सांस लें और रिलैक्स करें: दिमाग और नर्वस सिस्टम शांत रहेगा तो उल्टी की समस्या कम होगी।
जरूरत हो तो दवा लें: डॉक्टर की सलाह से एंटी-मोशन सिकनेस मेडिसिन ली जा सकती है।

डॉक्टर क्या कहते हैं?
एम्स दिल्ली के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. राकेश टण्डन बताते हैं “मोशन सिकनेस एक आम समस्या है और इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। अगर यह बहुत ज्यादा बढ़ रही है या हर बार सफर में उल्टी हो रही है तो मरीज को डॉक्टर से मिलना चाहिए। कई बार यह समस्या inner ear infection या किसी दूसरी मेडिकल कंडीशन की वजह से भी हो सकती है।”

यानी, सफर के दौरान उल्टी आना शरीर का सामान्य रिएक्शन है, लेकिन थोड़ी सावधानी बरतकर और सही उपाय अपनाकर इससे आसानी से बचा जा सकता है।

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