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एकनाथ शिंदे ने संत तुकाराम पुरस्कार को महाराष्ट्र की जनता को समर्पित किया,

वेब-डेस्क :- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के “80 प्रतिशत सामाजिक कार्य और 20 प्रतिशत राजनीति” के सिद्धांत का पालन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह आम आदमी के लिए काम करना जारी रखेंगे। यह बयान उस समय आया जब हास्य कलाकार कुणाल कामरा द्वारा शिंदे के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। कामरा ने एक शो में “देशद्रोही” शब्द का इस्तेमाल करते हुए एक पैरोडी पेश की थी, जिससे विवाद गहरा गया।

पुरस्कार समर्पित करने की घोषणा :- एकनाथ शिंदे को संत तुकाराम पुरस्कार से सम्मानित करने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा,
“यह पुरस्कार महाराष्ट्र की जनता के लिए है। मैं इसे उन्हें समर्पित करता हूं।

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शिंदे की टिप्पणी और कामरा विवाद:- शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भाजपा-शिवसेना-एनसीपी महायुति को बड़ी जीत मिली और उन्होंने आम आदमी के लिए काम करने की जिम्मेदारी को बढ़ाया है।
“हमने राज्य के आम आदमी को सुपरमैन बनाने और उनके जीवन को बेहतर करने का संकल्प लिया है,” शिंदे ने कहा। वहीं दूसरी ओर, कामरा ने एक शो में शिंदे को लेकर “गद्दार” वाले बयान को लेकर विवाद खड़ा कर दिया। इसके बाद रविवार को शिवसेना के कई कार्यकर्ताओं ने खार स्थित हैबिटेट स्टूडियो और होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर :- 

पुलिस ने कुणाल कामरा के खिलाफ शिंदे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है। साथ ही शिवसेना के 40 कार्यकर्ताओं के खिलाफ हैबिटेट स्टूडियो और होटल परिसर में तोड़फोड़ करने का मामला भी दर्ज किया गया है।

माफी की मांग और गिरफ्तारी मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कामरा से शिंदे का अपमान करने के लिए माफी की मांग की है। वहीं, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 12 कार्यकर्ताओं को तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

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